भारतीय सभ्यता और संस्कृति का पूरे विश्व में कोई सानी नही हैं। हिन्दू/सनातन धर्म ब्यक्ति को अपने सांसारिक जीवन का निर्वाह करने में सहयोग देता हैं। विश्व का यह एकलौता धर्म हैं, जिसमें कट्टरवादिता के लिये कोई स्थान नही हैं एवं यही वह अनोखा धर्म हैं जो व्यक्ति को जीवन चलाने में सहयोग करता है। शिव लस्सी भण्डार, गणेश चाट भण्डार जैसे लाखों उदाहरण भारत के हर शहर प्रान्त में देखने को मिल जायेगा। ऐसी दूसरे धर्मों में आपको देखने को नही मिलेगा। हमारे धर्म की लोचशीलता एंक कर्मकाण्ड़ों में खुलापन अन्यत्र धर्म संभव नही हैं। यही कारण हैं कि हिन्दू धर्म जितने नजदीक से आप देखते हैं उतनी खूबी आपको दिखाई पड़ती हैं। इसी खूबी के कारण विश्व के लोग हमारी धार्मिक विरासत को अंगीकृत करने के लिये आगे आ रहे हैं। जिसमें काशी विश्वानाथ मन्दिर का निर्माण मैक्सिकों में पहला हिन्दू मन्दिर के रूप में स्थापित करने का 5 अगस्त 2020 को निश्चिय किया गया हैं।
विश्वेश्वर दासजी ( Carlos Morales Serraano) और ललिता जी (Lilia Itzae) आप लोगों ने काशी विश्वनाथ वाराणसी के धर्म स्थल पर ये संकल्प किया कि हम मैक्सिको की धरती पर काशी विश्वनाथ का भव्य मन्दिर बनायेगें। यह बात बड़ी साधारण लग रही हैं लेकिन हैं नही। कोई ब्यक्ति अपने धर्म के स्थान पर आपके धर्म से अपने आप को जोड़ता हैं और उस ईश्वर के संसर्ग में अपने जीवन का मार्ग तलाश करता हैं। शान्ति सौहार्द एकता और परिवार का सम्बल ढुढ़ंता हैं। यह हमारी संंस्कृति के लिये गौरव की बात हैं। हम सब जानते हैं कि ईश्वर एक हैं और सभी धर्मों में मनुष्य के भलाई की कल्पना की गई हैं। लेकिन कुछ विशेष आपके धर्म में है तभी शिव की महिमा सात समुन्दर पर एक भव्य मन्दिर के रूप में भोले नाथ की स्थापना का संकल्प इन महात्माओं ने लिया है। दिनांक 5 अगस्त 2020 को मैक्सिको समयानुसार सुबह 10.30 मिनट और भारतीय समयानुसार रात्रि 9 बजे धार्मिक अनु्ष्ठान किया जायेगा और उसी दिन भारत में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मन्दिर निर्माण का आयोजन अयोध्या में किया जायेगा।
इस मन्दिर मिर्माण के प्रेरणाश्रोत श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर ओंकार दाम जी महाराज (सतुआ बाबा) जी का अथक प्रयास एंव मार्गदर्शन के कारण ही यह पुनित कार्य मेक्सिको की धरती पर महाशिव की भव्य मन्दिर बन रहा हैं।
सरोज देवी मेमोरियल पब्लिक चेरिटोबल ट्रस्ट एवं वाराणसी डीवाईन सर्विसेज की प्रमुख वन्दना त्रिपाठी का मानना हैं कि संस्कृति को बचाये रखेने के लिये उसकी खूबियों और अच्छाईयों को विश्व के हर मानस पटल पर लाया जाना जरूरी हैं। हमारा थोड़ा भी प्रयास न केवल भारत भूमि अपितु विश्व कल्याण में सराहनीय कदम होगा।
एबीएसएस सेवा संस्थान के अध्यक्ष सुधीर कुमार त्रिपाठी ने मेक्सिको में मन्दिर की स्थापना के संदर्भ में कहा कि मन्दिर मनुष्य को संमार्ग, साहस, सम्बल और सुचिता की प्रेरणा देता हैं। इस मन्दिर की स्थापना में आद्या बम्हदेव सेवा संस्थान हमेशा तत्पर हैं।
पुष्कर सिंह जी इस मन्दिर निर्माण एवं भूमि पुजन में अप्रतिम योगदान हैे। जो शायद शब्दों में ब्याख्या संभव नही हैं। वैसे तो पुष्कर जी स्वभाव से धर्मनिष्ठ ईश्वर के प्रति आस्थावान स्वमेव है। लेकिन जब कोई सामाजिक कार्य के लिये अपना कदम आगे बढ़ाता हैं तो विश्व कल्याण का भाव दिखाई पड़ता हैं और यही उस ब्यक्ति को अन्य से अलग करता हैं।
इस मन्दिर निर्माण में डॉ ध्रुव कुमार त्रिपाठी, नीलकमल त्रिपाठी, सुरेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी, अंजु त्रिपाठी, अंकुर त्रिपाठी, सहित एबीएसएस के सभी सदस्य एंव इंन्द्रदेव पाण्डें जी जो धार्मिक सुझाव समय समय पर देते रहते हैं साथ ही तमाम कर्मकाण्डों के सफल संचालन में हमेशा तत्पर रहते हैं उनके योगदान की भी सराहना हम करते हैं।
आप सभी से अनुरोध है जो भी इस भूमि पूजन का लाइव प्रसारण देखना और इस अदभुत कृत के भागीदार बनना चाहते है तो नीचे दिये हुए लिंक पर क्लिक करें।
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