डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कुछ वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ध्यान नहीं दिया जाता था। यह उपेक्षित विषय था। जबकि इसके अभाव में निवेश को गति मिलना संभव नहीं था। उस समय भी इन्वेस्टर्स समिट होती थी,लेकिन उनके अनुकूल परिणाम नहीं मिलते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इस ओर ध्यान दिया। उन्होंने निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के लिए अनेक कदम उठाए। इसके बाद ही प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन किये गए। इसके सकारात्मक परिणाम हुए। हजारों करोड़ के निवेश प्रस्तावों का शिलान्यास किया गया। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में दस पायदानों की अभूतपूर्व बढ़त मिली है। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने निवेश आकर्षित करने के नए सिरे से प्रयास तेज कर दिए है। उन्होंने उद्यमियों तथा निवेशकों के प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण पर बल दिया। अधिकारियों को उद्योग बन्धु की बैठक को शीघ्र आहूत किए जाने के निर्देश दिए। इस बैठक में मुख्यमंत्री उद्यमियों से संवाद स्थापित करेंगे। साथ ही उनसे उनका फीडबैक प्राप्त करेंगे। इस संबन्ध में एक सौ सत्तासी सुझावों में से एक को छोड़कर सभी सुधारों को लागू किया गया। अन्य सुधारों पर भी क्रियान्वयन किया जाएगा। योगी का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को नम्बर वन पर पहुंचना है।
वर्तमान रैंकिंग उद्यमियों और निवेशकों के शत प्रतिशत फीडबैक के आधार पर भारत सरकार के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड द्वारा जारी की गई है। डीपीआईआईटी द्वारा सुझाए गए सुधारों पर अमल से संभव हुआ। इस उपलब्धि में सिंगल विंडो पोर्टल निवेश मित्र का योगदान उल्लेखनीय था। पिछले दो वर्षों में प्राप्त अनापत्ति।लाइसेंस आवेदनों में चौरानवे प्रतिशत को निवेश मित्र के माध्यम से निस्तारित करने में सफलता मिली थी। राज्य सरकार द्वारा सभी पचहत्तर जनपदों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग निर्धारित करने की व्यवस्था की गई। जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ ने तीन वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल बनाने का संकल्प लिया था,उस दिशा में प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। इसके अंतर्गत अनेक प्रकार के सुधार लागू किये गए,जिससे निवेशों को कठिनाई का सामना ना करना पड़े,और वह उत्तर प्रदेश के विकास में सहभागी बनें।