डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना की पहली लहर से उत्तर प्रदेश के गांव बहुत हद तक सुरक्षित रहे थे। उस समय शहरों में रहने वाले बहुत से परिवार गांव स्थित अपने घरों में रहने चले गए थे। लाखों श्रमिक भी दिल्ली महाराष्ट्र आदि प्रदेशों से पलायन से उत्तर प्रदेश के अपने गांव पहुंचे थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर का रूप बदला हुआ था। जिसने शहर के साथ ही गांवों को भी प्रभावित किया। उपचार के लिए बहुत लोग शहर भी आये। लेकिन यहां के अस्पतालों में पहले से ही बहुत दबाब था। इस कारण लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। यह स्थिति केवल उत्तर प्रदेश की नहीं थी। सभी प्रदेशों में ऐसी ही त्रासदी देखी गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आपदा के प्रबंधन की दिशा में प्रयास कर रहे है। वह पिछले दस दिनों में अनेक गांवों की स्थिति देखने गए। यहां उन्होंने पीड़ितों व अन्य ग्रमीणों से संवाद भी किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विशेष जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। इस कार्य में निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने निर्देशित किया कि लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों को तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। निगरानी समिति द्वारा ऐसे व्यक्तियों की सूची अपने सेक्टर अधिकारी को दी जाए। सेक्टर अधिकारी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह आरआरटी के माध्यम से चौबीस घण्टे के अन्दर चिन्हित व्यक्तियों का एण्टीजन टेस्ट कराएं। यदि फिर भी संदिग्ध लगते हैं तो आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाए। जिनके पास आइसोलेशन के लिए घर पर पर्याप्त जगह नहीं है,ऐसे लोगों के लिए निगरानी समिति परिषदीय विद्यालय में क्वारण्टीन की व्यवस्था करे।
उन्होंने कहा कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियां तथा एएनएम टीम भावना से कार्य करें। ग्रामीण इलाकों में ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ की प्रतिस्पर्धा से कार्य किया जाये। इसी प्रकार,शहरी इलाकों में ‘मेरा वाॅर्ड, कोरोना मुक्त वाॅर्ड’ अभियान चलाया जाए। स्वच्छता तथा सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। निगरानी समितियों, आरआरटी स्वास्थ्य कर्मियों की सक्रियता से गत बीस दिनों में प्रदेश में दो लाख से अधिक लोग ठीक होकर अपने कार्याें को कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज कुल एक्टिव केस की संख्या मात्र हजार चौरानबे हजार रह गयी है। जबकि विगत तीस अप्रैल को एक्टिव केस की संख्या तीन लाख दस हजार से अधिक थी। बीस दिनों में दो लाख सोलह हजार से अधिक एक्टिव केस कम हुए हैं। प्रदेश की रिकवरी रेट तिरानबे प्रतिशत से अधिक है। मुख्यमंत्री ने विकास खण्ड सैफई के गींजा गांव का भ्रमण किया। उन्होंने ग्राम निगरानी समिति के सदस्यों से संवाद स्थापित करते हुए स्क्रीनिंग,टेस्टिंग तथा मेडिकल किट वितरण के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। साथ ही स्थानीय लोगों से मेडिकल किट की उपलब्धता के सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त किया। प्रदेश में अब तक लगभग चार करोड़ पैसठ लाख टेस्ट किये जा चुके हैं। प्रदेश में अब तक एक करोड़ बाँसठ लाख से अधिक डोज एडमिनिस्टर की जा चुकी हैं। प्रदेश में व्यापक स्तर पर निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन कार्य किया जा रहा है।