नववर्ष के अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में “चाणक्य सभागार” का उद्घाटन किया गया। 1956 में स्थापना के बाद से यह विभाग का पहला ऑडिटोरियम है। ऑडिटोरियम में 214 लोगों के बैठने की क्षमता है। प्रोफेसर आलोक कुमार राय, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय ने ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया।
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संगीता साहू ने विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति, डीन, विभिन्न विभागाध्यक्ष और विश्वविद्यालय के अधिकारियों का स्वागत किया। कुलपति ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दी, और गत वर्ष में विभाग के नौकरी पाने वाले सभी छात्रों को उनके सफल प्लेसमेंट के लिए बधाई दी, एवं विभिन्न क्षेत्रों में विभाग द्वारा पाए गए उपलब्धियों के लिए संस्था के प्रयासों के महत्व को व्यक्त किया। उन्होंने उद्यमिता के बारे में भी प्रकाश डाला और छात्रों को एक उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने आगे आने वाले समय में एक नवोदित प्रबंधक यानी मैनेजर के लिए एक अच्छे इकोसिस्टम के महत्व को चर्चा की, और एक सभागार से शैक्षिक प्रणाली में नवीकरण के पीछे उनके विजन को सांझा किया। उन्होंने छात्रों के समग्र विकास के बारे में बात की और “व्यक्तित्व विकास और व्यक्तिगत ब्रांडिंग” पर जोर दिया।
प्रो साहू ने चाणक्य का वह श्लोक जिसमे वे कहते हैं कि “एक राजा पृथ्वी का आराध्य होता है; परंतु विद्या सबका श्रृंगार होती है” के महत्त्व को आज के समाज के परिप्रेक्ष्य में समझाया, और माननीय कुलपति से “चाणक्य स्पीक्स” नामक श्रृंखला में पहले वक्ता होने का अनुरोध किया, जिसका उद्देश्य भारतीय प्रबंधन अवधारणाओं के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए वैदिक और समकालीन शिक्षा को बढ़ावा देना है, प्रबंधन में वैदिक ज्ञान पर छात्रों को प्रेरित और संवेदनशील बनाना है। कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के निर्माण विभाग के निदेशक डॉ. दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। छात्र उत्साह से भरे हुए थे और उन्होंने उभरते अवसरों के बारे में नए ज्ञान के साथ समारोह का आनंद लिया।