डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

इसमें कोई संदेह नहीं कि विगत छह वर्षों में किसानों का आय बढ़ाने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने की कटिबद्धता व्यक्त की थी। उसी के अनुरूप सुधार जारी है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी किसानों की आय बढ़ाने तथा खेती को लाभप्रद बनाने का सुझाव दिया। कहा कि युवाओं को कृषि यन्त्र उपलब्ध कराकर उन्हें रोजगार दिया जा सकता है। उन्होंने जैविक खेती पर जोर दिया और रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि किसान अन्नदाता है, वह अनाज उगाते हैं। प्रधानमंत्री का कहना है कि वे अपनी फसल की कीमत किसान स्वंय तय करें ताकि उनकी उपज का वास्तविक मूल्य मिले। भारत सरकार की मंशा है कि हमारे किसान सशक्त एवं समृद्ध हो। एफपीओ का गठन इसी दृष्टि को लेकर ही किया जाता है। राज्यपाल ने प्रतापगढ़ यात्रा के दौरान यह विचार व्यक्त किये।

उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ओडीओपी के उद्यमियों एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लाभार्थियों से वार्ता कर उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही आवास लाभार्थियों को बिजली एवं उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन पेयजल, शौचालय आदि की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। आनन्दीबेन पटेल ने प्रतापगढ़ में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं,प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी,ओडीओपी के उद्यमियों,प्रगतिशील कृषक एवं कृषक उत्पादक संगठन,राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन एवं रेड क्रास सोसाइटी से सम्बन्धित अधिकारियों व स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि महिलायें समूह बनाकर स्वयं बचत करें तो आजीविका मिशन के माध्यम से सरकार द्वारा भी आर्थिक मदद दी जायेगी,जिससे वह रोजगार कर सकती है और आगे बढ़ सकती हैं। राज्यपाल ने प्रतापगढ़ में स्थित माँ बेल्हा देवी मन्दिर में पूजा एवं अर्चना भी की।

सामाज सुधार की प्रेरणा

राज्यपाल ने महिलाओं को समाज सुधार में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि समाज में दहेज प्रथा,पर्दा प्रथा,मद्यपान, बाल विवाह के विरूद्ध महिलाओं को आगे बढ़कर कार्य करना चाहिये। पुलिस प्रशासन द्वारा भी इस कार्य में महिलाओं का सहयोग करना चाहिये। उन्होंने कहा कि समाज की चिन्ता न करें। सही दिशा में काम कर रही हैं और उनके परिवार की आय मेें बढ़ोत्तरी हो रही है। तो कुछ दिन बाद यही समाज आपको सम्मान देगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को यह भी सुझाव दिया कि गांवों में ग्यारह की संख्या में महिलाओं की सुरक्षा समिति बनायी जाये,जिसे पुलिस विभाग द्वारा परिचय पत्र निर्गत किया जाये। इस महिला समिति द्वारा गांवों में होने वाली घरेलू हिंसा,दहेज प्रथा,दहेज उत्पीड़न,बालविवाह, पर्दा प्रथा,मद्यपान आदि सामाजिक बुराईयों को रोककर सामाजिक परिवर्तन का कार्य किया जाना चाहिये।

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