विगत कुछ वर्षों में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का महत्त्व और भूमिका का विस्तार हुआ है. अनेक वैश्विक समस्याओं के समाधान हेतु विकसित देश भी भारत की ओर देखने लगे हैं. भारत की विरासत के प्रति दुनिया का आकर्षण बढ़ा है. योग,आयुर्वेदिक,श्री अन्न आदि इसके प्रमाण हैं. राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल समय समय पर इस गौरव का उल्लेख करती हैं. उन्होने कहा कि देश में वैश्विक नेतृत्व, अकादमिक उत्कृष्टता और दुनिया के लिए शैक्षिक मार्गदर्शक बनाने की क्षमता है। इसके लिए विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना आवश्यक है. नई शिक्षा नीति में इसको सुगम बनाया गया है.
नैक विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ओर ले जाता है। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, मूलभूत सुविधाओं की जांच करके उन्हें ग्रेडिंग प्रदान की जाती है.इसके लिए महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को समग्र प्रयास करने चाहिए. आनंदीबेन पटेल बेंगलुरु में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहीं थीं. उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के कई विश्वविद्यालय इस मूल्यांकन में उच्चतम ग्रेड ‘ए प्लस प्लस’ हासिल कर चुके हैं तथा अन्य शेष विश्वविद्यालय भी निरंतरता से इस मूल्यांकन की तैयारी में लगे हुए हैं। उन्होंने नैतिक और सामाजिक मूल्यों का संवर्धन, बुनियादी ढांचे के विकास ,विद्यार्थियों से जुड़ी सामाजिक गतिविधियों के समुचित प्रदर्शन और सुविधाओं की उपलब्धता पर जोर दिया।