संक्षेप-

  • 26 जनवरी को पहली बार कोई महिला आईपीएस राजधानी के परेड को लीड कर रही है.
  • उन्हें परेड के नेतृत्व की जिम्मेदारी मिली है.
  • उन्होंने अपनी जर्नी शेयर करते हुए बताया कि चौथी क्लास से ही मॉम मुझसे कहा करती थी कि बेटा तुम्हें बड़ी होकर किरण बेदी बनना है.

रायपुर: सपने हमेशा बड़े देखें। उसे पूरा करने के लिए मेहनत और लगन जरूरी है लेकिन इसके लिए खुद पर भरोसा होना जरूरी है। खुद पर यकीन नहीं करने से मेहनत और लगन नहीं आएगी। यह कहना है आईपीएस अंकिता शर्मा का। 26 जनवरी को पहली बार कोई महिला आईपीएस राजधानी के परेड को लीड किया हैं। दुर्ग की रहने वाली आईपीएस अंकिता शर्मा बलौदाबाजार जिले में नीतू कमल के अंडर में डिस्ट्रिक प्रेक्टिकल ट्रेनिंग ले रही हैं। उन्हें परेड के नेतृत्व की जिम्मेदारी मिली है। मंगलवार को परेड ग्राउंड में रिहर्सल के दौरान उन्होंने अपनी जर्नी शेयर करते हुए बताया कि चौथी क्लास से ही मॉम मुझसे कहा करती थी कि बेटा तुम्हें बड़ी होकर किरण बेदी बनना है। उस वक्त मुझमें इतनी समझ नहीं थी लेकिन 12वीं क्लास के दौरान मुझे इस फील्ड के प्रति जिज्ञासा हुई। मुझे लगने लगा कि मेरा ओरिएंटेशन इसमें सूट करता है। भिलाई से यूजी और पीजी की पढ़ाई के बाद आईपीएस की प्रिप्रेशन में जुट गई। आखिर वो दिन आ गया जब मैंने अपना और मम्मी का सपना साकार होते देखा।

गृहस्थी और स्टडी के बीच बैलैंस

अंकिता ने बताया कि इस पढ़ाई के लिए रोजाना 10 से 12 घंटे चाहिए लेकिन चूंकि एक गृहिणी के नाते मेरे पास घर की जिम्मेदारियों के बाद 6 से 7 घंटे ही बच पाते थे। इस एग्जाम को आप अकेले नहीं बल्कि कई लाखों लोग दे रहे होते हैं। मेरी सोच यह थी कि एक ही दिन को इतना बड़ा बना लूं कि उतने में ही मैग्जीमम इनपुट दे पाऊं । 1 दिन को दोगुना कर लूं ताकि मैं उनकी बराबरी तक पहुंच जाऊं जो पूरा दिन अपनी पढ़ाई को दे रहे हैं।

लक्ष्य के प्रति रहें अडिग

अक्सर महिलाएं मुझसे यह सवाल करती हैं कि शादी हो गई, अब सपनों को कैसे पूरा करें। मैं उनसे यही कहती हूं कि पहले क्या सोचा था, उस पर अडिग रहें। इससे होगा यह कि आपका लाइफ पार्टनर हो, इनलॉस हों या आपके इर्दगिर्द रहने वाले लोग, वे आप पर यकीन करेंगे। मैं तीसरे अटेम्प्ट में आईपीएस बनीं। इंगेजमेंट हो चुकी थी। मैंने अपनी जिद को कभी कमजोर नहीं होने दिया। हसबैंड ने हर तरह से सपोर्ट किया। जो भी महिलाएं शादी के बाद अपने सपनों को जीना चाहती हैं उनका सपोर्ट करें। देश आगे बढ़ेगा सोचने से कुछ नहीं होने वाला जब तक आधी आबादी अपने वजूद से वंचित रहे।

जीवन में कठिन कुछ नहीं

सबसे पहले मिथ यह है कि आईपीएस या आईएएस की पढ़ाई कठिन है। मैं यह कहती हूं कि कठिन नहीं है। इसका सिलेबस बड़ा है। इसे टुकड़ों में पढ़कर समझें तो काफी आसान है। एक अवेयर व्यक्ति जो एनॉलेटिक नजरिए से चीजों को देखता है उसके लिए यह परीक्षा बिल्कुल भी कठिन नहीं है। युवाओं को इस फील्ड में जरूर आना चाहिए क्योंकि एक बार पढ़कर देखेंगे तो खुद का विकास होगा और समझ आएगा कि उतना डिफिकल्ट है नहीं जितना समझा जाता है।

ईश्वर में आस्था रखें और संकेत को समझें

हर किसी को ईश्वर पर आस्था होनी चाहिए। उसके हर संकेत को समझें और पॉजिटिव तरीके से लें। कभी-कभी इंसान हताश हो जाता है लेकिन इस हद तक नहीं कि सपने टूट जाएं।दोस्तों ने बना दिया इंस्टा पर अकाउंट, 45 हजार फॉलोअर इंस्टा पर अंकिता की फैन फॉलोइंग 45 हजार है। जबकि अकाउंट को बने महज 7 महीने हुए हैं। इस दौरान सिर्फ 24 फोटो पोस्ट हुए हैं।

 

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