मुम्बई से अमित मिश्रा की रिपोर्ट…..

12 मई को इंटरनेशनल नर्सेज़ डे होता है लेकिन साल 2020 का इंटरनेशनल नर्सेज़ डे कुछ अलग है। आज पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी को झेल रहा है और उस महामारी से युद्ध करने में अग्रणी हैं दुनिया भर के नर्सेज़। पहली बार आम इंसान को यह पता चल रहा है कि नर्सों का काम सिर्फ अस्पताल में डॉक्टर्स का साथ देना ही नहीं बल्कि अपनी नर्सिंग सेवाओं से मरीजों की कमज़ोर हो चुकी मानसिकता को फिर से मजबूती भी देना है।


वैसे जो मेडिकल ऑफिशल्स इस कठिन दौर में कोरोनो मरीजों की सेवा कर रहे हैं वो सभी महान हैं। लेकिन जिनका प्रोफेशन मेडिकल नहीं अगर वो जन सेवा के लिए नर्स बन जाये तो बात कुछ अलग सी लगने लगती है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं मशहूर अभिनेत्री शिखा मल्होत्रा की ।

नर्सिंग की पढ़ाई कर चुकी शिखा मल्होत्रा फिल्मों में अभिनय करने मायानगरी मुम्बई आई थी और फैन, रनिंग शादी जैसी बड़ी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल्स करने के बाद इसी साल उन्होंने अभिनेता संजय मिश्रा के साथ लीड रोल में फ़िल्म ‘ काँचली ‘ से प्रसिद्धि पाई ही थी कि देश पर कोरोना का आक्रमण हो गया और एकाएक शिखा को लगा कि देश के लिए इस संकट की घड़ी में उन्हें आगे आना चाहिए।   जब लॉकडाउन लगा था और अब जब इसको 46 दिन से अधिक हो चुके हैं , शिखा मल्होत्रा मुंबई में अभी भी महानगरपालिका के एक अस्पताल में बतौर नर्सिंग ऑफिसर काम कर रही हैं । इस दौरान उन्होंने कई मरीजों को ठीक होकर घर जाते हुए देखा है तो और कइयों की मृत्यु की साक्षी भी बनी हैं।

शिखा मल्होत्रा ने  इंटरनेशनल नर्सेज़ डे का  स्पेशल दिन ठीक 12 AM को इंस्टाग्राम पर लाइव आकर अपने सभी चाहने वालों से रूबरू बात करके उनका मनोबल बढ़ाया। हंसना हुआ, रोना हुआ। उन्होंने भारत वासियों से अपील भी की कि ऐसे कठिन दौर में जाति-पाँति से ऊपर उठकर मिलजुल कर इस महामारी का सामना करें और साथ ही अपने मेडिकल फील्ड के फैलोज़ से भी अपील की कि उन्हें कोरोना मरीजों को छूने से परहेज़ नही करना चाहिए। ऐसे वक्त में जब मरीज़ पहले ही बीमारी से जूझ रहा होता है तो उसे मानसिक सपोर्ट की ज़रूरत होती है और नर्सेज़ ही एकमात्र उनका सहारा हो सकती हैं। उन्होंने अफसोस ज़ाहिर किया कि आजकल आमजन कोरोना बीमारी से लड़ते-लड़ते बीमार से लड़ने लगे हैं उसके और उसके परिवार के साथ दुर्व्यवहार पर उतारू होने लगे हैं। उन्हें उन्होंने सलाह दी कि कृपया  की गंभीरता को समझें बीमारी से अवश्य लड़ें पर बीमार से नहीं। सचमुच शिखा  मल्होत्रा अभिनेत्री के साथ-साथ बन गईं हैं असली कोरोना वैरियर।

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