डॉ दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्तमान आपदा में भी अवसर रणनीति पर अमल कर रहे है। कुछ समय पहले भी उन्होंने कहा था कि विश्व में चीन का महत्व व विश्वसनीयता धूमिल हो रही है। भारत निवेश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना जा रहा है। इसमें भी उत्तर प्रदेश के लिए सर्वाधिक सँभावना है। योगी सरकार प्रारंभ से ही निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के प्रति गम्भीर रही है। इसके मद्देनजर नीतियों में सकारात्मक बदलाव भी किये गए है। लैंड बैंक सक्रिय है,एक्सप्रेस वे के निकट भी उद्योगों के लिए जमीन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की योजना पर अमल किया जा रहा है। एक बार फिर योगी मंत्रिमंडल ने इन्वेस्ट यूपी का मंसूबा बनाया है।
उत्तर प्रदेश निवेश प्रोत्साहन एवं सुविधा एजेन्सी इसके लिए कार्य करेगी। इन्वेस्ट यूपी की स्थापना उद्योग बन्धु को अपग्रेड व सुदृढ़ करेगी। इसके लिए प्रोफेशनल मैन पावर की व्यवस्था की जाएगी। इस एजेन्सी के ढांचे में गवर्निंग बोर्ड एवं संचालन समिति होंगे। गवर्निंग बोर्ड की अध्यक्षता मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी। कार्यकारी स्तर पर निर्देश देने, अन्तर्विभागीय समन्वय बनाने तथा अनुश्रवण हेतु अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में संचालन समिति कार्य करेगी। एजेन्सी के अन्तर्गत निवेश मित्र, ईज़ आफ डूइंग बिजनेस, इन्सेन्टिव मैनेजमेंट तथा अन्तर्विभागीय समन्वय किया जाएगा। निवेश प्रोत्साहन,ब्राण्डिंग तथा पब्लिक रिलेशंस व इकोनाॅमिक तथा मार्केट इन्टेलीजेन्स एण्ड रिसर्च के कार्य कलाप निजी क्षेत्र से लिये गये सम्बन्धित औद्योगिक सेक्टर के विशेषज्ञों की टीम द्वारा होगा। यह एक चीफ आपरेटिंग आफिसर के नेतृत्व में कार्य करेगा।
इस संस्था का मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रदेश सरकार का एक ऐसा पूर्णकालिक वरिष्ठ अधिकारी होगा। जिसके अधीन चीफ आपरेटिंग आफिसर को कार्य करने में आवश्यक आटोनामी होगी। साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों से निवेश प्रोत्साहन हेतु आवश्यक समन्वय भी कायम रहेगा। इन्वेस्टमेंट प्रमोशन तथा फैसिलिटेशन के कार्य को एक ही संस्था में रखा जा रहा है। जिससे सम्पूर्ण निवेश साइकिल के विभिन्न चरणों में आउटकम प्राप्त करने के लिए एकाउन्टबिलिटी सुनिश्चित की जा सके।निवेश साइकिल के विभिन्न चरणों प्राप्त अनुभवों को एक साथ संस्थागत किया जाएगा।
इस संस्था के संचालन में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विभिन्न स्तरों पर परिणाम आधारित जवाबदेही रहे।
इन्वेस्ट यू पी द्वारा विभिन्न सेक्टरों के महत्वपूर्ण विभागों को प्रोफेशनल सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी। यह भी प्रस्तावित है कि लखनऊ के साथ साथ प्रदेश के महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों व मण्डलीय मुख्यालयों में भी इस संस्था के प्रतिनिधि प्राधिकरणों को तथा मण्डलायुक्तों को निवेश प्रोत्साहन तथा फैसिलिटेशन के क्षेत्र में प्रोफेशनल सहायता प्रदान करेंगे। निवेशकों को आवश्यक ग्राउण्ड सपोर्ट भी प्रदान की जा सकेगी।
औद्योगिक विकास को त्वरित गति मिलेगी। उद्यमी को न्यूनतम अवधि में विभिन्न सुविधाएं, स्वीकृतियां अनापत्तियों अनुमोदन आदि उपलब्ध कराई जाएंगी। नीतिगत समस्याओं के निराकरण हेतु एवं जटिल प्रक्रियाओं का समय समय पर सरलीकरण किया जाएगा। निजी औद्योगिक पार्काें हेतु भूमि की सीमा भी घटाई गयी है। इन संशोधनों से प्रदेश में परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस स्टैण्डर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु यथावश्यक नियमावलियों में प्रक्रियात्मक संशोधनों हेतु प्रशासनिक विभाग सक्षम होंगे। इसी प्रकार यह स्टैण्डर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर सभी अन्य नीतियों में समान रूप से लागू होंगे।जिनमें निवेशकों को एसजी एसटी की प्रतिपूर्ति सुविधा अनुमन्य कराये जाने का प्राविधान किया गया है। ईज़ आफ डूइंग बिजनेस की दृष्टि से सम्बन्धित इकाइयों द्वारा एसजीएसटी प्रतिपूर्ति हेतु क्लेम नोडल एजेन्सी विभाग को प्रस्तुत किया जाएगा। सम्बन्धित संस्था यव विभाग द्वारा एसओपी का पालन करते हुए संगत नीति के प्राविधानों के तहत प्रस्ताव राज्य कर विभाग को प्रेषित किया जाएगा।
राज्य कर विभाग द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण कर अपनी आख्या सम्बन्धित विभाग को उपलब्ध करायी जाएगी। जब तक वित्त विभाग द्वारा इस हेतु राज्य कर विभाग को बजट आवंटन नहीं किया जाता है,तब तक प्रशासकीय विभाग द्वारा एसजीएसटी क्लेम प्रतिपूर्ति अपने बजट से की जाती रहेगी। इसके अलावा प्रदेश कैबिनेट ने पर्यावरण संवर्धन के रिकार्ड बनाएगी। इस बार प्रदेश में पच्चीस करोड़ पौधे रोपित किये जायेंगे। पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं उद्यान विभाग की पौधशालाओं से नि शुल्क पौध उपलब्ध कराए जाएंगे।