डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ अमीनाबाद स्थित झंडेवाला पार्क अपने नाम में ही इतिहास का गौरवशाली अध्य्याय समेटे हुए है। लखनऊ की महापौर संयुक्ता भटिया ने यहां पहुंच कर भारत माँ के महान सपूतों को नमन किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद एवं वीर शिरोमणि गुलाब सिंह लोधी की मूर्तियों पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। कहा कि आज हमारे देश को स्वंतत्रता दिलाने में ना जाने कितने वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया है। अवध की धरती भी वीर सपूतों के बलिदान से सिंचित है।
ऐसी ही अमर बलिदानियों में गुलाब सिंह लोधी का भी नाम है। आज़ादी के नायकों में उनको नाम भले ही बहुत कम लोग जानते है लेकिन हम लखनऊ के लोग उनकी वीरता को भली भांति जानते है। वर्ष 1928 में जब स्वतंत्रता आंदोलन पूरे देश मे चल रहा था,उसी समय क्रांतिकारियों का समूह इसी पार्क में झंडा फहराना चाहता था। जिसके बाद अंग्रेज़ों ने इस पार्क को पूरी तरह से घेर लिए था। उन्ही के बीच से क्रांतिकारी गुलाब सिंह लोधी ने इसी ऐतिहासिक झंडेवाला पार्क में आज़ादी से उन्नीस साल पहले ही अंग्रेजों के सामने पेड़ पर चढ़कर तिरंगा लहरा दिया था,जिसके बाद अंग्रेज़ों ने उन्हें गोली मार दी थी। उन्होंने जीवन बलिदान कर दिया,लेकिन तिरंगे को झुकने नहीं दिया।
बहुत कम उम्र में ही उन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी। इस घटनाक्रम के बाद ही यह पार्क झंडेवाला पार्क के नाम से जाना जाता है।
संयुक्ता भाटिया ने कहा कि जिस अमीनुद्दौला पार्क को झंडेवाला पार्क के नाम से जाना जाता है और जिस तिरंगे के लिए वीर सपूत गुलाब सिंह लोधी ने अपनी जान दी उस पार्क में कोई तिरंगा वानवे वर्षों से कोई तिरंगा ही नही था। तब यह फैसला किया गया कि इस पार्क में तिरंगा होना चाहिए यही वीर शिरोमणि गुलाब सिंह लोधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आज इस पार्क में शान से लहराता हुआ तिरंगा रोमांचित एवं गर्वान्वित करता है। इस प्रकार इस पार्क को नाम के अनुरूप गौरव प्रदान किया।