डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में कई प्रतीकात्मक मुद्दे उठाए थे। इनमें डबल इंजन डबल युवराज व जंगलराज उल्लेखनीय है। इन्हीं तीन शब्दों में सत्ता पक्ष व विपक्ष के क्रियाकलाप शामिल है। डबल इंजन के रूप में राजग की केंद्र व प्रदेश सरकार ने बिहार का विकास किया। जबकि राजद सरकार ने जंगल राज स्थापित किया था। उसके प्रतिनिधि रूप में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी है। लेकिन उत्तर प्रदेश की तरह यहां भी डबल युवराज नाकाम रहे है। नरेंद्र मोदी का कथन साकार हुआ। उन्होंने सुशासन व विकास को आगे बढ़ने के लिए डबल इंजन की बात की थी। इसका मतलब था कि केंद्र व प्रदेश की राजग सरकारें बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में पहुंचाएगी। बिहार में तीन दशकों में जो भी विकास दिखाई दे रहा है,वह राजग के समय ही संभव हुआ। राजद के समय तो बिहार में जंगल राज था। कुछ समय के लिए नीतीश कुमार मन्त्रमण्डल में तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री व तेज कुमार यादव कैबिनेट मंत्री बने थे। इस अल्प अवधि में ही नीतीश को असलियत समझ आ गई। वह ज्यादा समय तक यह बर्दास्त करने की स्थिति में नहीं थे। लालू यादव के उत्तराधिकारी भी उनसे अलग नहीं थे। इनपर मॉल निर्माण में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। उनके निर्माणाधीन मॉल में नियमों के पालन न होने के प्रमाण थे। इसे बिहार का सबसे बड़ा मॉल बताया जा रहा था। यह मसला कुछ शांत हुआ तो तत्कालीन उपमुख्यमंत्री के खिलाफ अवैध संपत्ति के मामले खुलने लगे। इनके साथ सरकार चलाने से नीतीश की छवि धूमिल हो रही थी। तेजस्वी,तेज कुमार,मीसा और उनके पति की बेनामी संपत्ति का खुलासा हो रहा था।

मतलब नीतीश के साथ आने के बाद भी राजद में कोई बदलाव नहीं हुआ था। यही कारण है कि राहुल गांधी व तेजस्वी के बेहिसाब वादे किसी काम ना आये। लेकिन पिछले रिकार्ड को देखते हुए लोगों ने उसपर विश्वास नहीं किया। राहुल गांधी चीन,नोटबन्दी,जीएसटी से आगे बढ़ ही नहीं सके। दस लाख नौकरी देने संबन्धी तेजस्वी के वादे पर भी यकीन नहीं किया गया। सुशासन के धरातल पर नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार समान है। दोनों ने स्वच्छ राजनीति के प्रतिमान स्थापित किये है। सत्ता में रहने का रिकार्ड भी मिलता जुलता है। नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के रूप में बीस वर्ष पूरे किए है। इतने ही वर्षो तक नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री रहे है। इस लम्बी अवधि में दोनों पर निजी स्वार्थ,भ्रष्टाचार व परिवार वाद का आरोप नहीं है। नरेंद्र मोदी ने इसीलिए बिहार चुनाव में डबल इंजन का मुद्दा उठाया था। बिहार में सुशासन व विकास की यह यात्रा आगे बढ़ेगी। कांग्रेस व राजद ने बिहार की नकारात्मक पहचान बना दी थी। बिहार की पहचान बदल रही है। बिहार के हर गांव को ब्रॉडबैंक इंटरनेट से जोडऩे का काम हो रहा है। राजग ने सीमांचल के कई जिलों में हर घर में नल का जल पहुंचाने का काम चल रहा है। बिहार में कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए भी काम चल रहा है। इससे उद्यम, उद्यमिता और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बिहार में गैस ग्रिड का विस्तार हो रहा है। बिहार में गरीब परिवारों के लिए पच्चीस लाख गरीब परिवारों को घर दिए जा रहे हैं। इनमें से तेरह लाख लोगों को घर मिल चुके हैं। सरकार ने स्वामित्व योजना शुरू की। इससे संपत्ति का मालिकाना हक और बैंक से कर्ज लेने में आसानी होगी। गरीबों का हक मारकर अपने और अपने रिश्तेदारों के लिए महल बनाने वाले गरीबों का दर्द नहीं समझते हैं। बिहार में सवा करोड़ से अधिक शौचालय बने हैं। बिहार के हर गरीब को आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। राजग बिहार में हर घर में बिजली पहुंची,इस दशक में बिहार में चौबीस घंटे बिजली मिलेगी। पिछले दशक में हर घर में गैस सिलेंडर पहुंचा तो इस दशक में हर घर में पाइप से गैस पहुंची। बीते दशक में जंगलराज को खत्म किया गया। यह दशक बिहार की नई संभावनाओं का है। बिहार को फिर डबल्र इंजन का शासन मिलेगा तो यहां का विकास तेज गति होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर एनडीए की सरकार बिना किसी भेदभाव के लोगों के हितों के लिए काम कर रही है। बिहार के करीब चौहत्तर लाख किसानों के खातों में बिना किसी भेदभाव के सीधे पैसे ट्रांसफर किए जा रहे है।

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