डॉ दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश में राज्यपाल रहते हुए राम नाईक प्रतिवर्ष अपना कार्यवर्त्त जारी करते थे। जयपुर राजभवन में भी उनकी प्रेरणा दिखाई दी।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने अपना एक वर्ष पूरा किया। इस अवसर पर उन्होंने नई सोच नए आयाम शीर्षक से एक वर्ष का कार्यवृत्त जारी किया। इसमें एक वर्ष के कार्यो का उल्लेख किया। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,विधान सभा अध्यक्ष सीपी जोशी सहित अनेक लोग सम्मलित हुए। इसके पहले कुछ दिनों के लिए यहां असमंजस की स्थिति भी बनी। सत्तारूढ कांग्रेस के कई विधायकों ने बगावत कर दी थी। तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायक राजभवन में धरना देने पहुंचे थे। कलराज मिश्रा ने प्रजातांत्रिक मर्यादा का पालन किया। उन्होंने राजभवन का गेट विधयकों के लिए खोलने के आदेश दिए। इतना ही नहीं वह स्वयं विधायकों से मिलने उनके पास गए थे। संविधान के अनुरूप उन्होंने आचरण किया। वर्षगांठ कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने कलराज मिश्रा के कार्यो को सराहनीय बताया।
कोरोना आपदा के दौरान उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और विधायकों से संवाद किया था। राहत कार्यो के लिए लोगों को प्रेरित किया था। कोरोना दिशा निर्देशों के पालन हेतु भी उन्होंने लोगों को जागरूक किया। इस अवधि में व्यवधान हुआ,अन्यथा उन्होंने पदभार ग्रहण करने के बाद ही रजभवन के द्वारा आमजन के लिए खोलने का निर्णय लिया था। एक वर्ष में ही वह राजस्थान की संस्कृति में घुल मिल गए है। कलराज मिश्रा प्रदेश सरकार के उचित कार्यो की सराहना करते है,जबकि उन्हें जो गलत लगता है उसके लिए मुख्यमंत्री से बात करते है। इस प्रकार वह राजस्थान के हितों को ही बढ़ावा देने का कार्य कर रहे है। यह संविधान की भावना के अनुरूप भी है। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने स्वीकार किया कि कोरोना आपदा राहत के दौरान राज्यपाल की भूमिका सराहनीय थी।