डॉ दिलीप अग्निहोत्री
महात्मा गांधी खादी को केवल वस्त्र नहीं विचार धारा मानते थे। उन्होंने अपने अहिंसक सत्याग्रह के जो साधन निर्मित किये थे,उनमें इसका भी स्थान था। इसके माध्यम से वह ब्रिटिश सत्ता को सीधी चुनौती देते थे। अंग्रेजों के पहले भारत के गांव गांव में वस्त्र उद्योग बहुत प्रचलित था। कुटीर व लघु उद्योग के रूप में इसका व्यापक प्रचार था। लेकिन अंग्रेज आर्थिक शोषण के लिए इसको समाप्त करना चाहते थे। वह भारत से वस्त्र उद्योग का कच्चा माल ब्रिटेन भेजते थे,वहां का निर्मित वस्त्र भारत में बेचना चाहते थे। इसके मुकाबले के लिए महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन चलाया था। खादी व चरखा उसका प्रतीक था।
लखनऊ में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर उनके चित्र पर भी माल्यार्पण किया। इस अवसर पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने चरखा भी चलाया। कार्यक्रम के दौरान खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री, सिद्धार्थनाथ सिंह, विधायी एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक,अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना,खादी ग्रामोद्योग एवं एमएसएमई नवनीत सहगल,प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा गांधी आश्रम के कर्मचारी उपस्थित थे।