डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मूलतः हिमाचल प्रदेश के है। लेकिन उनकी शिक्षा बिहार में हुई है। विद्यार्थी जीवन व युवावस्था के अनेक वर्ष उन्होंने यहां व्यतीत किये है। राजद के पन्द्रह वर्षीय शासन को उन्होंने करीब से देखा है,उसका अनुभव किया है। इसके बाद वह राजग के शासन भी देख रहे है। जेपी नड्डा दोनों का उल्लेख बिहार की चुनावी सभाओं में कर रहे है। उनका कहना है कि राजद के समय लालटेन बिहार की विवशता थी। क्योंकि तब वहां बिजली उत्पादन बढ़ाने की तरफ सरकार का कोई ध्यान ही नहीं था। इतना ही नहीं कानून व्यवस्था बदहाल होने के कारण शाम ढलने के बाद लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे। लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने बिहार को एलईडी युग में पहुंचाया है। अब यहां लालटेन की जरूरत ही नहीं रही। बिहार के लोगों को बदहाली का वह समय याद है। इसलिए वह बिहार को पुनः उसी स्थिति में पहुंचने नहीं देंगे। राजद की ओर से जो बेहिसाब वादे किए जा रहे है,वह निरर्थक है। क्योंकि उनका क्रियान्वयन असंभव है।

नड्डा ने कहा कि बिहार में विकास की गति सिर्फ एनडीए की सरकार में ही बढ़ सकती है। जंगलराज में विकास नहीं ही सकता। यह मतदाता पर निर्भर करता है कि वह किसकी सरकार को चुनना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में फिर से लालटेन का राज चाहिए या एलईडी,बिहार में आपको कानून राज चाहिए या गुंडाराज यह निर्णय करना है। यह तय करना है कि इस राज्य को किस ओर ले जाना हैं। भाजपा अध्यक्ष ने राममंदिर निर्माण का मुद्दा भी उठाया। कहा कि जब लाल कृष्ण आडवाणी की राम रथयात्रा निकली थी,तो यहीं बिहार की धरती पर लालू यादव ने रामरथ को रोका था। राम मंदिर के मामले में एक पक्ष के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लटकाने का प्रयास किया। जबकि देश के सभी लोग चाहते थे कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बने। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के दोबारा आने पर इस विषय की न्यायालय में प्रतिदिन सुनवाई हुई और फैसला आने के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू करवाया। राहुल गांधी बिहार चुनाव में चीन की बात करते हैं। लेकिन राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए चीन से पैसा लेकर वह राष्ट्रभक्त बन रहे हैं। नड्डा ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले पर राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे थे। अब पाकिस्तान का हाथ होने की बात पड़ोसी देश के मंत्री ने स्वीकार तो सब चुप हैं। इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में राहुल गांधी के बयान को उद्धृत किया था। अनुच्छेद तीन सौ सत्तर पर राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे थे।

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