डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव के प्रभावी मुद्दों का निर्धारण कर दिया है। उन्होंने कई चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। इसमें एक तरफ उन्होंने कांग्रेस व राजद पर बिहार की उपेक्षा का आरोप लगाया,दूसरी तरफ केंद्र व बिहार की वर्तमान सरकारों के लोक कल्याणकारी कार्यो का उल्लेख किया। इसमें राजद के पन्द्रह वर्षीय कार्यकाल के कुशासन एक बार फिर लोगों को याद आ गया। नरेंद्र मोदी ने सीधा आरोप लगाया कि राजद व कांग्रेस पार्टी बिचौलियों के हटने से परेशान है। पहले गरीबों तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचता था। हर स्तर पर बिचौलिए मौजूद थे। अब एक एक पाई गरीबों के खाते में पहुंच रही है। इसीलिए विपक्ष अनुच्छेद 370 की वापसी चाहता है। देश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा है,ये लोग देश के हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं।
देश ने किसानों को बिचौलियों और दलालों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये बिचौलियों और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में हैं। लोकसभा चुनाव से पहले जब किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे देने का काम शुरु हुआ था, तब इन्होंने कैसा भ्रम फैलाया था। जब राफेल विमानों को खरीदा गया,तब भी ये बिचौलियों और दलालों की भाषा बोल रहे थे। जब जब,बिचौलियों और दलालों पर चोट की जाती है,तब ये तिलमिला जाते हैं। ये लोग भारत को कमजोर करने की साजिश रच रहे लोगों का साथ देने से भी नहीं हिचकिचाते। राजद जैसी सरकारें बिहार को ठगती रहीं। इन लोगों ने लोगो व बिहार के गौरव के साथ विश्वासघात किया। बिहार को लूटकर इन लोगों ने अपने परिवार की तिजोरियां भरी हैं। अपने परिवार व रिश्तेदारों को अमीर बनाया है। नए कृषि कानूनों को मोदी ने किसानों के हित में बताया। कहा कि इसमें बिचौलियों से किसानों को मुक्ति दिलाई गई है। इसी लिए विपक्षी पार्टियां परेशान है। उनको बिचौलियों वाली व्यवस्था ही पसंद है। इसी लिए कृषि कानून पर हंगामा किया गया। जबकि कृषि कानूनों से देश की कृषि को आधुनिक बनाने के लिए बड़े सुधार किए गए हैं। उनका भी लाभ बिहार के किसानों को मिलेगा। मंडियों से जुड़ा कानून तो यहां पहले ही खत्म कर दिया गया था। अब बिहार में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर और तेजी से काम होने की संभावना बनी है।
अब बिहार के गांवों छोटे शहरों में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था का और विस्तार होगा। नरेन्द्र मोदी ने आरजेडी की तरफ से किए गए सरकारी नौकरी के दावे पर हमला बोला। कहा कि यह रिश्वत जैसा वादा है। बिहार में विकास हो, निवेश आए इसे कौन सुनश्चित करेगा। उन्होंने पूछा कि ये वो करेगा जिन्होंने सुशासन दिया है या फिर वो जिन्होंने जंगलराज दिया। बिहार राज्य को जो प्रधानमंत्री पैकेज मिला था,उसपर काम की रफ्तार भी तेज गति से आगे बढ़ रही है। गरीब दीवाली और छठ पूजा ठीक से मना सके,इसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है। इसी कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में सीधी मदद भेजी गई,मुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई। देश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा है, ये लोग देश के हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं। देश ने किसानों को बिचौलियों और दलालों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये बिचौलियों और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में हैं। बिहार के लोग भूल नहीं सकते वो दिन जब सूरज ढलते का मतलब होता था,सब कुछ बंद हो जाना, ठप्प पड़ जाना। आज बिजली है, सड़के हैं, लाइटें हैं और सबसे बड़ी बात वो माहौल है जिसमें राज्य का सामान्य नागरिक बिना डरे रह सकता है।