अपूर्वा अवस्थी
यह कहना कदापि अनुचितन होगा की हमारे देश मे कोरोना भयंकर आपदा की भाँति कहर बनकर टूटा जिसने गत वर्षों से सब कुछ बदल कर रख दिया।मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कोरोना वायरस ने केवल भारत की ही नहीं अपितु दुनिया के अधिकांश देशों के मानव मूल्यों एवं वहां की अर्थव्यवस्था पर कठोराघात किया। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार- कोरोना वायरस ने भारत की स्थिति को बदहाल कर दिया। इस अदृश्य वायरस ने न केवल सामाजिक, राजनैतिक तथा आर्थिक क्षेत्र पर बुरा प्रभाव डाला बल्कि सामाजिक मूल्य, रहन-सहन तथा मानवीय जीवन शैली को झकझोर कर रख दिया। गरीबों कामगारों, कृषकों तथा दैनिक मजदूरों आदि के आर्थिक जीवन को बुरी तरह संकट में डाल दिया।
इस वायरस में ऊंच-नीच, जातिगत भेदभाव, अमीर गरीब की खाई को एक सूत्र में पिरो दिया। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप एवं उसके प्रसार को रोकने के लिए चिकित्सा जगत के वैज्ञानिकों, बुद्धि जीवियों तथा सरकार द्वारा त्वरित गति से अभूत पूर्व प्रयास किए गए। सरकार को वायरस की भयानक स्थिति एवं संभावित जनहानि के खतरे को भांपते हुए लॉकडाउन लगाने जैसे अनचाहे फैसले लेने पड़े। यह कदम किसी भी सरकार के लिए चुनौती से कम नहीं था परिणाम स्वरूप मानवीय मूल्यो एवं संवेदनाओ का तेजी से आभास हुआ। मानव समाज को बहुत बड़ी आर्थिक, शारीरिक, मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ी। रोजगार बेरोजगारी सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार–“भारत के कुल कार्य बल का 80% से अधिक हिस्सा अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत हैं इनमें से दो तिहाई कैजुअल मजदूर है। “लॉकडाउन ने इन मजदूरों के समक्ष विकराल समस्या उत्पन्न कर दी। एक बारगी ऐसा लगा मानों दुनिया थम सी गई हो खान पान, भरण-पोषण तो दूर की बात हो गई अपने जीवन को सुरक्षित बचाए रखने के लिए लोगों में होड़ मच गई। कल–कारखानों, औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर भी भयभीत होकर अपने-अपने घरों को पलायन करने के लिए मजबूर हो गए। देश में अफरा-तफरी मच गई। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने लगी जिस कारण सरकार को तत्काल बहुत सारे आवश्यक कदम उठाने पड़े।
सरकार के समक्ष चुनौतियां: कैसे करें इन का सामना
जब वैश्विक महामारी से भयभीत प्रवासी मजदूर अपने घरों की तरफ तेजी से पलायन होने लगे तब एक समय ऐसे लगा कि भीषण वायरस में सरकार के समस्त तंत्र प्राइवेट एजेंसियों के पास उपलब्ध संसाधनों को हाईजैक कर लिया हो। धैर्य एवं सूझ बूझ के साथ ऐसी दशा में स्थानीय सरकारों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों तथा सामाजिक धार्मिक संस्थाओं द्वारा मानव हित में अनेकों-अनेक प्रयास शुरू कर दिए गए। वैक्सीन का तेजी से निर्माण किया जाने लगा। वैक्सीनेशन अभियान चलाए जाने हेतु नीतियां निर्धारित की गई।
नए ऑक्सीजन प्लांट विकसित किए गए एवं जो पहले से सुचारू ढंग से कार्य कर रहे थे उन प्लांटो में ऑक्सीजन के निर्माण में तेजी लाए जाने लगी। शेल्टर होम आदि के निर्माण किए गए। टेलीविजन, चैनलों, समाचार-पत्रों, सोशल मीडिया तथा सरकार के तरह-तरह के संवाद माध्यमों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर आम लोगों को इस खतरनाक वायरस से लड़ने हेतु संबल प्रदान किया गया। सरकार के लिए इतनी बड़ी आबादी को सुरक्षित कर पाना कदापि आसान नहीं था । फिर भी धैर्य, हिम्मत, लगन एवं कर्तव्य बोध के पथ पर चलकर कोरोना वायरस को शिथिल व मूर्छित करने का भरपूर प्रयास किया गया।
प्रवासियों का अधिकार : सरकार द्वारा बनाई गईनीतियां
खासकर सरकार को प्रवासी मजदूरों को लेकर सियासत का सामना करना पड़ा। सरकार ने उनकी तकलीफों को महसूस किया और इसे एक चुनौती के रूप में मानकर उनके हित में सरकार ने मेगाप्लान तैयार किया। केंद्र सरकार की ओर से देश के 116 जिलों को विशेष रूप से चयनित किया गया जो कोविड-19 वायरस के प्रकोप से ज्यादा प्रभावित थे। 116 जिलों में सबसे ज्यादा जिले बिहार के हैं उस के बाद यूपी के 31 जिले, मध्यप्रदेश के 24, राजस्थान के 22, झारखंड के 3 तथा उड़ीसा के 4 जिले हैं। सरकार ने अपने गांव को लौटे करोड़ों प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास और रोजगार के लिए खाका तैयार किया। इन जिलों में केंद्र सरकार के द्वारा सोशल वेल फेयर और डायरेक्ट स्कीम को तेजी से लागू कराने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किए गए।
सरकार के अथक प्रयासों आप, हम और सभी लोगों द्वारा सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन करने की दशा में कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने का प्रयास किया गया। आज भी कोरोना हमारे और आपके बीच में पूर्णतया विलुप्त नहीं हुआ है छुट- पुट बहुत सारे के स आज भी दृष्टिगत हो रहे हैं। हमें अपने आत्म बल को बनाए रखना है एवं सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए गाइडलाइन का अक्षरशः से पालन करना है। अभी हमें अधिक लापरवाह होने की आवश्यकता नहीं है। सावधानी हमारे लिए नितांत आवश्यक है। कोई राष्ट्र तभी सशक्त हो सकता है जब वहां के लोग राष्ट्रहित, जनहित में समर्पण भाव के साथ सरकार की नीतियों का अनुपालन करें तथा राष्ट्र के निर्माण एवं चुनौतियों से निपटने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें।