ज्योतिष्य विश्लेषण
अब जैसा कि हम माताओं और मातृत्व की बात कर रहे हैं, तो आइए अब हम ग्रहों की स्थिति के आधार पर ज्योतिष्य विश्लेषण कर के आपको बताते है कि किस व्यक्ति को माँ का आशीर्वाद और असीम ममता मिलती है और ग्रहों की किन स्थितियों के कारण कुछ लोग इस प्यार से वंचित रह जाते हैं –
सबसे पहले हम बात करते हैं उन कारकों के बारे में जो यह दर्शाते हैं कि किस वजह से एक व्यक्ति को माँ का प्यार, देखभाल और बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका मिलती है।
चंद्रमा की मजबूत स्थिति
ज्योतिषाचार्य पं रामाधार द्विवेदी का कहना है कि हमारी कुंडली में मन और माता का कारक ग्रह होता है चंद्रमा। यह न केवल हमारी भावनाओं और हमारे मन का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि यह एक व्यक्ति के बचपन और उसकी माँ के साथ जुड़ाव को भी दर्शाता है। चंद्रमा का कुंडली में सही स्थान माँ के साथ हमारे संबंधों को मज़बूत बनाता है। चंद्रमा की मजबूत स्थिति इस बात का इशारा करती है कि एक बच्चे के जीवन में माँ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और बच्चे में माँ से मिलते-जुलते बहुत सारे लक्षण होंगे। आप देखेंगे कि जब भी माँ के साथ किसी बच्चे का रिश्ता मजबूत होता है, तो वह बच्चा सुरक्षित व आत्मविश्वासी हो जाता है और उसकी निर्णय लेने की क्षमता बहुत मजबूत हो जाती है। चलिए बताते हैं किन-किन परिस्थितियों और कुंडली में किस भाव में होने पर चंद्रमा शुभ फल देता है-
- यदि चंद्रमा वृषभ राशि में अपनी उच्च स्थिति में हो, तो यह काफी शुभ परिणाम देता है।
- चंद्रमा अपनी स्वराशि कर्क में रहे, तो यह काफी अच्छे फल देता है।
- यदि केंद्र (1.4,7,10) और त्रिकोण स्थान (5,9) में चंद्रमा रहे, तो यह अच्छी स्थिति मानी जाती है।
- यह बृहस्पति और शुक्र जैसे लाभकारी ग्रहों के साथ हो, तो उत्तम प्रभाव पड़ता है।
- यदि यह छठे(6), आठवें(8) या बारहवें(12) भाव में या फिर शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों के साथ नहीं है, तो भी शुभ फल देता है।
चौथे भाव की मज़बूत स्थिति
ज्योतिषाचार्य पं रामाधार द्विवेदी ने बताया कि कुंडली में चंद्रमा के बाद अन्य महत्वपूर्ण कारक कुंडली में चौथे भाव की स्थिति है। चौथा भाव आमतौर पर आराम, विलासिता और सुख से जुड़ा हुआ है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, माँ की बाँहों और माँ की गोद से ज़्यादा आराम और सुकून देने वाला कुछ भी नहीं होता। माँ की गोद में इंसान अपने आप को सबसे सुरक्षित मानता है। चलिए जानते हैं कि किन परिस्थितियों में कुंडली का चौथा भाव मज़बूत स्थिति में रहता है-
- यदि किसी जातक की कुंडली में चौथे घर का स्वामी अपने ही घर में विराजमान है और लाभ देने की स्थिति में है, तो यह बहुत मजबूत स्थिति मानी जाती है।
- यदि चौथे घर का स्वामी छठे(6), आठवें(8) या बारहवें(12) भाव में या फिर इन भावों के स्वामी के साथ युति नहीं कर रहा हो तो यह भी स्थिति मजबूत और शुभ फलदायक होती है।
- यदि चौथा भाव “पाप कर्तरी योग” में नहीं हो तब भी यह अच्छे फल देता है। पाप कर्तरी योग का मतलब यह हुआ कि कोई भी दूषित ग्रह चौथे भाव के दोनों ओर यानि 3 और 5वे घर में बैठा ना हो।
- यदि चौथे भाव का स्वामी चंद्रमा, बुध, शुक्र और बृहस्पति जैसे लाभदाता ग्रहों के साथ युति करता है, तो व्यक्ति को अच्छे परिणाम मिलते हैं।
अब हम बात करते हैं उन कारकों के बारे में जो यह दर्शाते हैं कि किस वजह से एक बच्चा माँ के पालन पोषण और देखभाल से वंचित हो जाता है।
चंद्रमा की कमज़ोर स्थिति
ज्योतिषाचार्य पं रामाधार द्विवेदी के अनुसार चंद्रमा एक बच्चे के पालन-पोषण और माँ के साथ उसके संबंधों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में है, तो यह दर्शाता है कि बच्चे का माँ के साथ सही संबंध नहीं रहेगा। यह कई कारणों हो सकता है, या तो मां अपनी पेशेवर जीवन यानि करियर में व्यस्त थी, मां एक संघर्षपूर्ण संबंधों में थी या फिर बीमारी या बच्चे के कम उम्र में रहने के समय ही माँ की मौत हो जाने के कारण। यह स्थिति बच्चे को स्वयं के निर्णय लेने में असमर्थ, डरपोक, दूसरों पर निर्भर बना देता है, जिसकी वजह से अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में सफलता प्राप्त करने में उसे काफी परेशानी होती है। चलिए बताते हैं किन-किन परिस्थितियों और कुंडली में किस भाव में होने पर चंद्रमा अशुभ फल देता है-
- यदि कुंडली में चंद्रमा दुर्बल स्थिति में है तो यह शुभ फल नहीं देता।
- यदि यह छठे(6), आठवें(8) या बारहवें(12) भाव में या फिर या इन भावों के स्वामियों के साथ हो, तो यह अच्छी स्थिति नहीं मानी जाती।
- यदि चंद्रमा “पाप कर्तरी योग” में हो,यानि चंद्रमा के दोनों तरफ दूषित ग्रह बैठे हो तब भी यह अच्छे फल नहीं देता है।
- यदि कुंडली में चंद्रमा राहु, केतु और शनि जैसे दूषित ग्रहों के साथ युति करता है, तो यह स्थिति शुभ नहीं मानते हैं।
चौथे भाव की कमज़ोर स्थिति
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि चौथा भाव भी माँ के साथ रिश्ते को मज़बूत या कमज़ोर बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, यदि कुंडली में चौथा घर कमजोर स्थिति में है, तो यह आमतौर पर दर्शाता है कि या तो बच्चा माँ की देखभाल से वंचित रहेगा या फिर माँ के साथ उसके संबंध अच्छे नहीं रहेंगे। चलिए जानते हैं कि किन परिस्थितियों में कुंडली का चौथा भाव कमज़ोर स्थिति में रहता है-
- यदि कुंडली में चौथे भाव का स्वामी दुर्बल स्थिति में है, तो यह शुभ फल नहीं देता।
- यदि चौथे भाव का स्वामी छठे(6), आठवें(8) या बारहवें(12) भाव में बैठा हो तो यह शुभ फलदायक नहीं होता है।
- यदि चौथे भाव में छठे(6), आठवें(8) या बारहवें(12) भाव के स्वामी या फिर शनि, राहु, केतु जैसे दूषित ग्रह विराजमान हो तो यह भी स्थिति मजबूत नहीं मानी जाती है।
- यदि चौथे भाव का स्वामी राहु, केतु और शनि जैसे ग्रहों के साथ युति करता है, तो इस स्थिति में चौथा भाव कमज़ोर हो जाता है।
ज़रूर करें ये ज्योतिष्य उपाय
ज्योतिषाचार्य पं रामाधार द्विवेदी ने मदर्स डे के मौके पर, कुछ उपाय भी बताएं, जिनकी मदद से हम अपनी माँ के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं। उनका कहना है कि चंद्रमा माता का प्रतिनिधित्व करता है और माता के चौथे घर का कारक भी होता है। इन उपायों से हमें अपने चंद्रमा को मजबूत करने में मदद करेंगे।
माँ का योगदान हम सभी के जीवन में अतुलनीय है, इसलिए, हमेशा माँ, माँ समान महिलाओं और बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान करें, क्योंकि इससे आपको चंद्रमा को मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह उपाय आपकी माँ के साथ आपके रिश्ते में अधिक सामंजस्य लाएगा।
- चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए हर रोज शिव चालीसा का पाठ ज़रूर करें।
- माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप देवी “महागौरी” का भी संबंध चंद्रमा से हैं, इसीलिए इनकी पूजा करने से भी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा मज़बूत होता है।
- सोमवार के दिन व्रत करें और यदि आप ऐसा नहीं कर पाते, तो हर महीने की पूर्णिमा तिथि पर उपवास करें।
- चंद्रमा के होरा के दौरान प्रतिदिन चंद्र मंत्र का जाप करें।
- चंद्रमा भगवान विष्णु के श्री कृष्ण अवतार के साथ जुड़े हैं। तो, श्री कृष्ण की पूजा करना या श्री कृष्ण के बारे में कहानियाँ पढ़ना आपको अपने चंद्रमा को मजबूत करने में मदद करेगा। साथ ही यह आपकी माँ के साथ आपके रिश्ते को मज़बूती प्रदान करेगा।
- गाय को हिंदू धर्म में माता कहा जाता है, इसीलिए गौ माता के साथ समय बिताना या उन्हें खाना खिलाना भी आपके चंद्रमा को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
- चाँदी के बर्तन या चाँदी के गिलास में पानी पीने से भी शुभ फल प्राप्त होंगे और माँ के साथ संबंध बेहतर बनेंगे।
आज मदर्स डे पर एक कार्य ज़रूर करें और वो यह कि जैसे हम नवरात्रि के समय माँ दुर्गा से अपने पूजा के दौरान हुई भूल-चूक के लिए माफ़ी मांगते हैं, वैसे ही आज अपनी माँ से भी जाने अनजाने में उनका कभी दिल दुखाया हो तो उसके लिए माफ़ी मांगे और अपना प्यार दें। साथ ही कोरोना काल के इस समय में अपने-अपने घरों में रहते हुए ही इस दिन को अपनी माँ के साथ बिताएं और इस दिन को उनके लिए खास बनाए।