डॉ आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन
वैसे तो माँ 365 दिन की होती है पर जब से आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ा है तब से क्या मजाल जो आप पूरे साल अपनी माँ को माँ समझ सके और इसी लिए आप एक दिन माँ दिवस को समर्पित कर रहे है और ये क्या कम है जब आज लोगो को अपने लिए सांस लेने की फुर्सत नहीं तब आप पूरा एक दिन उस माँ को दे रहे है जो आपको जन्म देती है अब जिसने जन्म दिया उसके लिए इतना आदर तो बनता ही है और इसी लिए तो हर दिन आप किसी को भी मादर…….( अब इस गाली की व्याख्या कैसे करू चलिए आप समझ गए थैंक गॉड ) पूरी दुनिया में इस गाली को सुनने सुनाने का सिलसिला इसी लिए तो है क्योकि हम सब माँ की इज्जत करना जानते है और इसी लिए बात बिन बात मादर ……मादर करके दिन भर बात करते है अब इससे बढ़िया माँ की व्याख्या तो हो नहीं सकती | गाली तो मेरे जैसे देते होंगे कल्लू कब गाली देता है वो तो अपनी माँ के लिए क्या नहीं कर सकता है इसी लिए अपनी पत्नी के शोषण से बचाने के लिए आपने अपनी माँ को वृद्धा आश्रम में पंहुचा दिया है आखिर माँ के जीवन में रोज रोज की हाय हाय से तो सुकून मिला | लेकिन आप कहेंगे की ऐसा है ही नहीं आप तो माँ को इस लिए वृद्ध आश्रम में छोड़ा है क्योकि आपके घर में जगह ही कहा है जो आप माँ को साथ रख सके और आप कमाते ही कितना है जो माँ के ऊपर पैसा खर्च कर सके।
ये तो माँ को सोचना चाहिए कि आपका भी परिवार है उनको बुढ़ापे में अपने मन और इच्छा को थोडा दबा कर रखना चाहिए और माँ होती है इसी लिए जो पहले आपको पीला फिर आपके बच्चो को पाले और अगर आपके पास विदेश में नौकर को देने के लिए पैसे नहीं है तो आज ही विदेश से आइये अपने घर भले ही जाने के बाद आपने कभी भी कोई संपर्क ना किया ही और आते ही माँ के पैरों में गिर कर कहिये माँ पूरी पूरी रात सो नहीं पाता आपको अकेला छोड़ कर मुझे अपने पर धिक्कार आता है माँ मुझे पश्चाताप करने का एक मौका दो प्लीज दो दो और बस माँ का दिल पसीज जायेगा और वो चल देगी आपके साथ विदेश और आपको बिन पैसे के एक काम करने वाली मिल जाएगी ऊपर से माँ का पैत्रिक मकान बेच कर पैसा अलग | अब जिस माँ से इतने फायेदे हो तो आप इतने खुदगर्ज तो है नहीं कि एक दिन मदर्स डे ना मना सके और क्या मजाल कोई मादर……..( गाली) भूल से भी ये कह सके कि आप माँ को रोज नहीं याद करते ( आखिर माँ की गाली देने में माँ नाम तो आता है भले ही दुसरे की माँ का अपमान इया हो ) तो आइये माँ के इस नाम का पूरा फायेदा लेते है भूमंडलीकरण में आखिर आपको भी तो जीना है इस महंगाई में अब माँ नहीं बचाएगी तो कौन बचाएगा !!!!!!!!!!!!चलिए कहिये माँ वो बनाओ ये बनाओ तुम्हारे हाथो से बना खाना खाने का मजा अलग है ( अब पत्नी जब नौकरनी के ना आने पर खाना ना बनाये तो माँ की ममता का इतना फायदा तो बनता है ) क्या आज आपने मदर डे मनाया माँ माँ माँ माँ माँ माँ कहा हो बड़ी भूख लगी है अब आज अगर माँ से कुछ नहीं करवाया तो मदर डे का क्या मतलब !!!!!!!!!!!! आखिर माँ से रिश्ते को आप ही तो समझते है ..