किलर कोरोना लगातार देश में आपना प्रचण्ड रूप अख्तियार करता जा रहा हैं और इससे लड़ने के लिये केन्द्र सरकार के साथ साथ सभी राज्य सरकारों ने अपने अपने स्तर से कमान सम्भाल रखी हैं। लेकिन इन सब के बीच कई राज्यों से प्रशासन की लापरवाही की बात सामने आ रही हैं। किलर कोरोना के खिलाफ सरकार की चल रही लड़ाई की रणनिती को उनके ही सिपहसालार पलिता लगा रहे हैं। कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश में भी हो रहा हैं। आईये हम आपको बताते हैं कि किस तरह से सरकार के सिपहसालार ही सरकार की योजनाओं को पलिता लगा रहे हैं।
सिपहसालार ने सरकार को लगाया पलिता
इस संकट के घड़ी में आमिर खान के एक पिक्चर का गाना याद आ रहा हैं “तारें जमीं” पर याद आ रहा हैं। इस समय ये गाना का साफ मतलब हैं कि सरकार की योजनाये जो इस समय एक तारे के समान हैं जो कि जमीन पर अगर उतर जाये तो न जाने कितना गरिबों के घरों में दो जून की रोटी मिलेगी न जानें कितने भीखों का खाना मिलेगा न जाने कितनी लोगों का दवा मिलेगी न जाने कितने लोगों को उनकी समस्या का निवारण मिलेगा। सरकार के तारें रूपी योजनाओं को जमीन पर उतरना चाहियें। हर एक आम आदमी को योजनाओं का का फायदा मिलना ही चाहिये लेकिन हकिकत को मध्यप्रदेश में एक दम उल्टा हैं। किलर कोरोना से निपटने के लिये केन्द्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारें भी लाक डाऊन का पालन करने का आग्रह लगातार जनता से कर रही हैं साथ ही ये भी विश्वास दिला रही हैं कि किसी को भी किसी भी तरिके की परेशानी नही होने देगे।
सरकार लगातार हर गरिबों को खाद्यान पहुचाने की बात कर रही हैं लेकिन हकिकत इसके इत्तर कुछ औऱ ही हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार लगातार ये प्रयास कर रही हैं कि पेदेश के नागरीकों को किसी तरह की कोई भी परेशानी न हो। जिससे कि साफ हो रहा हैं कि सरकार की मंशा तो साफ हैं कि प्रदेश का कोई भी इन्सान भूखे न सोये लेकिन सरकार के ठीक नाक के निचे सरकार के ही सिपहसालार ही सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। सरकार का सरकारी तन्त्र ही सरकार को फेल करने में लगा हुआ हैं। ऐसा हम हवा हवाई नही कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिससे की साफ हैं कि सरकार के सिपहसालार ही सरकार पलिता लगा रहे हैं। अब समय आ गया हैं कि किलर कोरोना ने जिस तरह से सभी को परेशान कर रखा हैं उसमें तो सरकार के साथ साथ सरकारी मशीनरी को भी उतना ही मेहनत और लगन से दिन रात काम में जुटने की जरूरत हैं लेकिन सरकारी मशीनरी में कुछ ऐसे लोग हैं जो इस संकट के घड़ी में लापरवाही के साथ साथ अपना स्वार्थ निकालने में लगा हुए हैं।
मध्य प्रदेश की जनता का दर्द सिर्फ इस बात का कि किलर कोरोना की इस लड़ाई में सरकार के सिपहसालार का धोखा देना। अब समय आ गया हैं कि केन्द्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारें अपनी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिये अपने सिपहसालार पर कड़ाई करें ताकि देश में किसी को भी किसी भी तरिके की परेशानी न हो औऱ सरकार इस लड़ाई में जीत सके। क्यों जब सरकार जीतेगी तो हम जीतेगें।