डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

संविधान निर्माता भारत को एक व श्रेष्ठ बनाने की कल्पना करते थे। इसके अनुरूप संविधान में प्रावधान भी किये गए। पंथनिरपेक्षता एकता की मूल भावना है। दुनिया में केवल भारतीय संविधान है जिसमें विश्वशांति की कामना की गई। यह लिखा गया कि भारत विश्वशांति के प्रयासों में योगदान देगा। ऐसा प्रयास करेगा जिससे समस्याओं का समाधान हो सके। इसका निहितार्थ भारत को श्रेष्ठ व शक्तिशाली देश बनाना था। तभी दुनिया उसकी बात को महत्व देगी। इस संदर्भ में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक भारत,श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने में भी संविधान की महती भूमिका है। न्याय, स्वतंत्रता,समता और बन्धुता ये भारत की सबसे बड़ी विशेषता है। इन्हीं मूलभूत बातों को ध्यान में रखकर सभी कार्यक्रम आगे बढ़ाये जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का पाठन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द जी के सान्निध्य में वर्चुअल माध्यम से किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश संहिता द्विभाषी के दो संस्करणों का विमोचन किया।

योगी ने कहा कि हम सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आभारी हैं जिन्होंने संविधान दिवस की महत्ता के दृष्टिगत वर्ष 2015 से संविधान दिवस को देश के सामने प्रस्तुत किया। विगत वर्ष संविधान दिवस को काफी भव्य रूप में मनाया गया था तथा विधान मण्डल में इस पर केन्द्रित चर्चा की गयी थी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से से संविधान दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज का दिन अत्यन्त गौरव का दिन है। संविधान हम सबको अधिकारों व कर्तव्य से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार बिना भेदभाव के सभी वर्गाें को योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है। अनुच्छेद 51ए को आत्मसात करके हम कर्तव्य पथ पर चलते हुए देश को महान बना सकते हैं। उप मुख्यमंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारत का संविधान राजधर्म है।

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