डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल नई शिक्षा नीति पर अमल के प्रति प्रारंभ से गंभीर रही है। उनका मानना है कि नई शिक्षा नीति एक क्रांतिकारी प्रयास है। जिससे शिक्षा प्रणाली का कायाकल्प होगा। इसको भारतीय परिस्थियों व संस्कृति के अनुरूप बनाया गया है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा। इसमें शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों व समाज राष्ट्र की सेवा का विचार भी समाहित है। इस दिशा में विश्वविद्यालयों को भी प्रभावी प्रयास करने चाहिए। आनन्दी बेन ने कहा कि नईं शिक्षा नीति के प्रावधानों को नियमानुसार लागू किया जाये नईं शिक्षा नीति में मल्टी एंट्री,मल्टी एग्जिट, नवाचार स्टार्टअप जैसे पाठ्यक्रमों को शामिल किया जाये। साथ ही एक सेंटर आफ एक्सीलेंसी की स्थापना भी की जाए। उन्होंने नईं शिक्षा नीति लागू करने की दिशा में मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय,गोरखपुर की तारीफ की जबकि डाॅ.शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ, द्वारा इस दिशा में सार्थक प्रयास न किये जाने पर नाराजगी जताई।

समाज सेवा का सन्देश

आनन्दी बेन पटेल महिलाओं की उन्नति के लिए अनेक स्तरों पर प्रयास का आह्वान करती रही है। शिक्षण संस्थानों को भी सहभागी होना चाहिए। उन्होंने महिला अध्ययन केंद्रों की समीक्षा की। निर्देश दिया कि इन अध्ययन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, समाज में सहभागिता बढ़ाने,महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, महिलाओं का कार्य स्थल पर उत्पीड़न के मनोवैज्ञानिक प्रभाव व रोकथाम जैसे विषयों की जानकारी महिलाओं को दी जानी चाहिए। विश्वविद्यालय में वेबिनार तथा गोष्ठियां आयोजित की जाये और उनमें प्रमुखता से नवनिर्वाचित महिला ग्राम प्रधानों तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आमंत्रित कर उन्हें कोविड टीकाकरण,स्वास्थ्य, शिक्षा,राज्य एवं केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की भी जानकारी दी जाए। उन्हें उनकी ग्रामीण विकास की प्राथमिकता बताएं। मेरा गांव कुपोषण एवं टी.बी.मुक्त कैसे बने, गांव में मातृ शिशुदर कैसे घटे जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों से उन्हें परिचित करायें। ऐसा करने से गांव कुपोषण मुक्त होने के साथ-साथ विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की सम्भावना के दृष्टिगत निगरानी समितियों के माध्यम से अधिक से अधिक टीकाकरण तथा कोरोना किट वितरित की जाये। इस दिशा में ग्राम प्रधानों को भी प्रेरित करें ताकि लोग टीकाकरण की अफवाहों से बच सके तथा गांव का शत-प्रतिशत टीकाकरण हो सके। विश्वविद्यालय छात्रों का एक समूह तैयार करें जो प्रभावी ढ़ग से अपने भाषणों के माध्यम से गांव में लोगो को विभिन्न सामाजिक बुराइयों के प्रति अगाह कर सकेें। राज्यपाल ने इस अवसर पर छात्रों, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों तथा उनके परिवार का शत प्रतिशत टीकाकरण कराने के निर्देश दिये।

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