डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल नई शिक्षा नीति की केवल सराहना ही नहीं करती है,बल्कि उत्तर प्रदेश में इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर भ बल देती है। इसके दृष्टिगत वह अनेक अवसरों पर शिक्षकों व शिक्षाविदों का आह्वान कर चुकी है। उनका मानना है कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से भारत पुनः विश्वगुरु बन सकता है। इसमें विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का विचार समाहित है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत की परम्परा, विरासत,सांस्कृतिक मूल्यों एवं तकनीकी ज्ञान तथा कौशल विकास में समन्वय स्थापित करने का सफल प्रयास किया गया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति में कई अच्छी पहल है। उच्च शिक्षा में एक मजबूत अनुसंधान, संस्कृति तथा अनुसंधान क्षमता को बढ़ावा देने के लिए नयी शिक्षा नीति के अन्तर्गत राष्ट्रीय अनुसंधान फाउण्डेशन का सृजन के साथ ही चिकित्सा एवं कानूनी शिक्षा को छोड़कर समस्त उच्च शिक्षा के लिए भारत उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत में शिक्षा

राज्यपाल ने कहा कि बजट में केन्द्र सरकार ने अच्छी शिक्षा पर फोकस किया है। इसके साथ ही लोगों के कौशल में वृृद्धि के लिए भी कई अनेक प्रस्ताव किये गए है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत विजन के दृष्टिगत उच्च शिक्षा प्रणाली युवाओं को अवसर प्रदान करेगा और उनकी क्षमता के रोजगार के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। विद्यार्थी अपने कौशल विकास करेंगे। इसके द्वारा वह स्वयं का उद्यम भी आसानी से प्रारम्भ कर सकेंगे। ऐसा करने से औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज मेक इन इण्डिया,स्टार्ट अप इण्डिया,स्वच्छ भारत अभियान,डिजिटल इण्डिया,स्मार्ट सिटी मिशन,जन धन योजना, आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आदर्श ग्राम योजना, अटल पेंशन योजना, ऑपरेशन ग्रीन्स मिशन, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, आयुष्मान भारत,राष्ट्रीय शिक्षा नीति, आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से न्यू इंडिया का कार्य तेज गति से प्रगतिरत है।

शिक्षा व समाज सेवा

आनंदीबेन पटेल विद्यार्थियों व शिक्षण संस्थानों को सामाजिक सरोकारों से जुड़ने की भी प्रेरणा देती है। यही भावना किसी विद्यार्थी को श्रेष्ठ नागरिक बना सकती है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को सामाजिक कार्यों में भी सहभागिता करनी चाहिए ताकि सामाजिक समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके। विश्वविद्यालय टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने, आंगनवाड़ी केन्द्रों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने, बेटियों की एनीमिया जांच कराने,गर्भवती महिलाओं का सौ प्रतिशत प्रसव अस्पताल में कराने तथा स्तनपान को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों को वन कालेज वन विलेज अर्थात् कम से कम एक गांव गोद लेना चाहिए, जिससे कि गांवों की वांछित सहायता हो सके। राज्यपाल ने कहा कि इसके साथ ही विश्वविद्यालयों को सामाजिक सेवाओं के माध्यम से गोशाला,गैस फर्टिलाईजिंग,गोबर का उपयोग,लघु कौशल के कार्य को भी प्रोत्साहित करना चाहिए।

कृषि शिक्षा में किसान हित

राज्यपाल ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों और कृषि विश्वविद्यालय के समन्वय से किसानों के लिए वजन में हल्के और सस्ते टिकाऊ कृषि उपकरण विकसित करने चाहिए, जो किसानों को आसानी से उपलब्ध कराये जा सकें। ये उपकरण हमारे छात्रों द्वारा बनाये जायेंगे, जिससे विश्वविद्यालय और छात्र दोनों आत्मनिर्भर होंगे। राज्यपाल ने कहा कि इसी प्रकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दृृष्टि से चिकित्सा विश्वविद्यालयों एवं प्राविधिक विश्वविद्यालयों के मध्य चिकित्सीय यंत्र बनाने के लिए समझौता हो, जिसके अन्तर्गत चिकित्सीय जांच हेतु छोटे-छोटे आवश्यक उपकरण जैसे पल्स आक्सीमीटर तथा रक्त की जांच के उपकरण आदि तैयार किये जाये। आनंदीबेन पटेल ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ एवं श्री श्री विश्वविद्यालय,कटक, उड़िसा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मध्य जोन कुलपति सम्मेलन का राजभवन लखनऊ से वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता दस वर्षों में सौ प्रतिशत युवा और प्रौढ़ साक्षरता की प्राप्ति करना है। पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमलीकरण को लेकर व्यापक विचार विमर्श हो रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इक्कीसवीं सदी के भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन को नई दिशा देने वाली है। प्रधानमंत्री की संकल्पना है कि देश के विश्वविद्यालय गुणवत्ता रैंकिंग में सुधार करते हुए सौ तक की रैंक प्राप्त करने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। इस दिशा में विदेशी विश्वविद्यालयों से समझौता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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