जसराज के यश का राज – शास्त्रीय और भक्ति संगीत
अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो-चीफ )
विश्वप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका के न्यूजर्सी में सोमवार की सुबह सवा पांच बजे के आसपास कार्डिएक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया. पद्म विभूषण पंडित जसराज पिछले कुछ समय से अपने परिवार के साथ अमेरिका में ही रह रहे थे.
पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हरियाणा के हिसार में हुआ था. जसराज ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे, जो 4 पीढ़ियों से शास्त्रीय संगीत की परंपरा को आगे बढ़ा रहा था.खयाल शैली की गायिकी पंडित जसराज की विशेषता रही .
उन्होंने मशहूर फिल्म निर्देशक वी शांताराम की बेटी मधुरा शांताराम से विवाह किया था. मधुरा से उनकी मुलाकात 1960 में मुंबई में हुई थी. 1962 में उन्होंने विवाह कर लिया. उनके परिवार में पुत्र शारंग देव एवं एक पुत्री दुर्गा जसराज हैं
शास्त्रीय संगीत के मेवाती घराने से उनका ताल्लुक था. शास्त्रीय संगीत के सुरीले जादूगर पंडित जसराज को संगीत की शुरुआती शिक्षा उनके पिता पंडित मोतीराम ने दी थी . बाद में उनके भाई मणिराम ने उनको तबला संगीतकार के रूप में भी प्रशिक्षित किया था .
उनका जन्म ऐसे परिवार में हुआ था जिसकी चार पीढ़ियां संगीत से जुड़ी रहीं. चार साल की उम्र में ही पंडित जसराज के सर से पिता का साया उठ गया था. उनके पालन-पोषण का दायित्व बड़े भाई पंडित मणिराम की देख-रेख में हुआ था.
उन्होंने मेवाती घराने के महाराणा जयवंत सिंह वाघेला और आगरा के स्वामी वल्लभदास से संगीत की शिक्षा ली थी. 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने गायकी का प्रशिक्षण शुरू किया था और 22 साल का होते-होते वे मंचों की शान बनने निकल पड़े थे. उन्होंने शास्त्रीय गायक के रूप में अपना पहला स्टेज कन्सर्ट इसी उम्र में किया था. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.श्रोताओं का असीम प्यार और दुलार उन्हें महान से महानतम शास्त्रीय संगीत गायक बनाता चला गया. सातों महाद्वीप में अनगिनत संगीत प्रस्तुतियां देने का श्रेय उन्हें जाता है. संभवतः अपने आप में एक रेकॉर्ड भी होगा.
शास्त्रीय गायकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनको 1975 में पद्मश्री, 1990 में पद्म -भूषण और 2000 में पद्म-विभूषण की उपाधि से नवाजा गया था. बता दें कि पंडित जसराज को अपनी ‘ रसराज ’ की उपाधि भी बेहद पसंद थी. ये उपाधि उन्हें भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने दी थी.
शोक सन्देश
पंडित जसराज के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, भजनसम्राट अनुप जलोटा एवं अखिलेश यादव सहित कई वरिष्ठ नेताओं, फ़िल्म व संगीत जगत के ख्यातनाम लोगों ने ट्वीट कर गहरा शोक प्रकट किया है.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है कि ‘‘ पंडित जसराज जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से भारतीय शास्त्रीय विधा में एक बड़ी रिक्तता पैदा हो गयी है. न केवल उनका संगीत अप्रतिम था बल्कि उन्होंने कई अन्य शास्त्रीय गायकों के लिए अनोखे मार्गदर्शक के रूप में एक छाप छोड़ी. उनके परिवार और समस्त विश्व में उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना, ओम शांति.
जानी मानी गायिका आशा भोसले जी भी ट्वीट करके अपनी संवेदना व्यक्त की हैं।
Asha Bhosle on Padma Vibhushan Pandit Jasraj ji
“I am deeply saddened by the unfortunate demise of Pandit Jasraj ji… I have lost someone who was extremely fond of me, I have lost a big brother indeed! Sangeet ka sooraj doob gaya! He was a vocalist par excellence and I knew him for so long… even before his marriage to V Shantaram’s daughter. He used to praise me a lot and he always used to say “Main tujhe gaana sikhaunga!”
Back in the day, when I had visited his classical school in the US, where he used to teach music to so many aspiring talents, I remember how I had wanted to enrol myself into his school because he was that good! On that same trip, we’d gone out for dinner, and Jasraj ji, who was a staunch vegetarian, kept requesting me to also turn vegetarian for health reasons.
I will always remember his childlike demeanor.
May his soul rest in peace!”