संजीव रत्न मिश्रा, ब्यूरोचीफ, वाराणसी.
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- #लक्ष्मीनारायणमंदिर
- #अन्नपूर्णामंदिर
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बहुत लज्जा का विषय है कि पंचांग शैली के काशी विश्वनाथ मंदिर के मूल परिसर के चार अंग समान मंदिरों को हटा दिया गया। इस लाकडाउन के वक्त में जब मंदिर मे आम भक्तों के आने जाने पर प्रतिबंध है ऐसे मे काशी विश्वनाथ मंदिर के मूल परिसर में स्थित
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अब काशी विश्वनाथ की प्राचीन मूल चौहद्दी में नहीं है… जिसके बारे में काशी के सारे ही लोग अभी अनभिज्ञ हैं…ये सारे मंदिर रातों रात ही हटाए गए हैं (मात्र अविमुक्तेश्वर शिवलिंग ही भूमि पर खूले में बचे हुए हैं ) और कोई बताने वाला नही जो विग्रह इन चारों शिखर के नीचे विराजमान थे उनका क्या हुआ..??मंदिर के वास्तु को जिस तरह नष्ट किया गया और बाबा काशी विश्वनाथ के चार अंग स्वरूप मंदिरों को जो स्वस्थ मजबूत और मंदिर के निर्माण काल से बने हुए थे उनको हटा दिये जाने से ये आशंका प्रबल होतीं जा रही है। #क्यावैसेहीबाबाकेत्रिगुंबजीभवनकोभीक्षेणा_जाएगा.. ?? ?जिसमें काशी विश्वनाथ बैकुंठ महादेव व दंडपाणी महादेव के साथ बिराजते हैं..
काशी विश्वनाथ मंदिर में और कॉरिडोर परियोजना सरकार द्वारा नियुक्त धर्माचार्य और तथाकथित विद्वानों का तो जैसे इन घटनाओं से कोई मतलब ही नहीं.. ना ही वो शिवभक्तोॆ की भावनाओं के प्रति भी कोई जवाबदेही रखते हैं। यदि ये अपनी भूमिका अदा करते तो आज काशी के शिवभक्तों की भावनाएं आहत नहीं होती विकास मे विश्वास रखने वाले लोग ये मान कर बैठे हैं कि कॉरिडोर का मतलब सिर्फ काशी विश्वनाथ के ईर्द-गिर्द इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण भर है, जिससे दुनिया भर से आ रहे श्रद्धालुओं को उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलगी।
#उत्तरप्रदेशकेधर्मार्थमंत्री जो काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के विधायक भी हैं..इसके बावजूद काशी विश्वनाथ मंदिर के प्राचीन चार शिखर गिरा दिए गए इसका खामियाजा आज नहीं तो कल उन्हें कहीं ना कहीं सामाजिक अपमान के रूप में झेलना पड़ेगा…
#हरहरमहादेव