डॉ दिलीप अग्निहोत्री
भारत में सुपोषण व अनाज संरक्षण की समस्या पुरानी है। पहले इसके लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किये गए। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस दिशा में प्रयास किये। नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया अभियान शुरू किया। इसमें सुपोषण हेतु अलग से कार्यक्रम चलाए गए। इसी प्रकार भंडारण व्यवस्था का भी विस्तार किया जा रहा है। नरेन्द्र मोदी ने खाद्य और कृषि संगठन- एफएओ के 75वें स्थापना दिवस पर पुनः इसके महत्व को रेखांकित किया। इस अवसर पर 75 रुपये मूल्य का एक स्मारक सिक्का जारी किया। आठ फसलों की सत्रह विकसित किस्म को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य क्रान्ति की दिशा में सरकार के प्रयासों में देश का किसान महत्वपूर्ण स्तम्भ है।कोरोना महामारी की विभीषिका से देश को बचाने में किसानों ने बहुमूल्य भूमिका निभाई है। मोदी ने कहा कि यह स्मारक सिक्का कुपोषण को कम करने में विश्व खाद्य संगठन की आधारभूत भूमिका के प्रति भारत की एक सौ तीस करोड़ जनता की ओर से सम्मान का प्रतीक है। सरकार ने देश में कुपोषण के मुद्दे के समाधान के लिए बहुआयामी कदम उठाये हैं। इसके अंतर्गत बच्चों और माताओं के लिए पौष्टिक आहार बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही स्व्च्छता के मानक बढ़ाने के भी प्रबन्ध किये गये हैं।
जलजीवन मिशन के माध्यम से पेयजल की सुविधा, इन्द्रधनुष मिशन के तहत ग्यारह करोड़ शौचालयों का निर्माण, टीके की व्यवस्था, बालिकाओं के लिए एक रुपये में सेनीटरी पैड तथा शिक्षा पर ध्यान दिये जाने जैसे कदम उठाये गये। 2014 तक किसानों को केवल एक ही किस्म के बीज उपलब्ध थे। पिछले छह वर्षों में सरकार ने पैतालीस किस्म के नये बीज उपलब्ध कराये। कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने अस्सी करोड़ से अधिक लोगों के लिए पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया गया। 2014 तक देश के केवल ग्यारह राज्यों में खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया गया था। वर्तमान सरकार ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए यह कानून लागू कर दिया है। भारत सरकार ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सुधार किये हैं। नये कृषि से मंडियों के साथ साथ किसान भी मजबूत होंगे। कृषि उत्पादक संगठनों के एक वृहद नेटवर्क का सृजन किया जा रहा है। जिससे छोटे किसानों के जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव आयेगा। नये कानून में बाजारों में कृषि उत्पाद की बिक्री में बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होगी।