सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात
गुजरात। बुधवार को गुजरात के अहमदाबाद के एक इंडस्ट्रियल इलाके में हुए विस्फोट ने 12 जाने ले ली। विस्फोट इतना भयानक था की आसपास के गोदाम की छते उड़ गई। दिवालो के परखच्चे उड़ गए। ऐसे में भला अंदर फसे मजदुर कैसे बचते। लेकिन इन सबमे सबसे हैरान करने वाली बात ये है की 3 साल से ये केमिकल फैक्ट्री अवैध तरीके से चल रही थी और अधिकारी कुम्भकर्णीय निंद्रा में सोये हुए थे। जो अब इस ब्लास्ट के बाद जागे है।
अहमदाबाद स्थित केमिकल फैक्ट्री साहिल इटरप्राइजेज में बुधवार सुबह हुए विस्फोट में देर रात तक पांच महिलाओं समेत 12 मजदूरों की मौत हो गई है और नौ अन्य घायल हुए हैं। गुरूवार यहाँ एफएसल की टीम पहुंची है। फायर और पुलिस कल से ही यहाँ का चप्पा चप्पा छान रहे है। कोरोपोरशन के अधिकारियो के कई चक्कर लग चुके है लेकिन ये सब तब हो रहा है जब 12 मजदूरों की बेरहमी से मौत हो गई। मौत की ये फैक्ट्री जिसके पास न फायर डिपार्टमेंट की कोई एनओसी थी , न लेबर डिपार्टमेंट का कोई रजिस्ट्रेशन , न फैक्ट्री एक्ट का लाइसेंस और न ही अन्य रजिस्ट्रेशन मगर 3 साल से ये मौत की भट्ठी यु ही सुलग रही थी।
केमिकल फक्ट्री के इस गोदाम में केमिकल के कई ड्रम रखे हुए थे और ये रसायन इतने ज्यादा ज्वलनशील थे कि जिस बोतल में सैंपल लिया गया वो तक पिघल गई। जांच में पता चला कि साहिल इंटरप्राईजेज नाम की इस कंपनी में हइड्रोजन पराओक्सीड और इथेनॉल-मेथेनॉल जैसे कई केमिकल को मिक्स कर कैटलिस्ट बनाया जाता था। गोडाउन बिट्टू भरवाड़ नाम के व्यक्ति का था लेकिन उसे हितेश सुतरिया ने किराये पर लिया था। जो अवैध तरीके से ये कारोबार करता था , हितेश सुतरिया को फिलहाल पुलिस ने हिरासत में लेकर आगे की छानबीन शुरू की है।
घटना पर प्रधानमंत्री के ट्वीट के बाद पूरा तंत्र नींद से जागा और घटना स्थल का जायजा लिया गया। मुख्यमंत्री ने मुआवजे के तौर पर मरने वालो के परिजनों को 4 लाख के मुआवजे के घोषणा की लेकिन अपनों को खो चुके मजूदरों के परिजनों का गुस्सा अब बढ़ता जा रहा है। वो न्याय की मांग के साथ वीएस अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए है और मृतको के शव स्वीकार करने से मना कर रहे है। निर्दलीय विधायक और सोशल एक्टिविस्ट जिग्नेश मेवानी भी इनकी आवाज़ बन विरोध में उतर आये है।
बुधवार सुबह से लेकर रात तक करीब नौ घंटे तक तलाश और बचाव अभियान चलाया गया। शहर के अग्निशमन दल ने मलबे से 12 शवों को निकाला और नौ अन्य लोगों को बचाया है। घटना के बाद सामने आये सीसीटीवी बेहद खौफनाक थे। सीसीटीवी में साफ़ देखा जा सकता है की धमाका कितना जोरदार था जिसने दिवलो के परखच्चे उड़ा दिये । ब्लास्ट में बगल के कपडे की गोडाउन में काम कर रहे मजदूर फूटबाल की तरह यहाँ वहा जा गिरे।
विस्फोट में आसपास के 3 से 4 गोडाउन की छत धरासायी हो गई जिसमे करीबन 25 लोग फस गए थे। जिनमे से 7 पुरुष और 5 महिलाओ की दर्दनाक मौत हो गई।