सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात

 

गुजरात में नक़ली रेमडेसीविर इंजेक्शन कालाबाज़ारी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। गुजरात के मोरबी में नक़ली इंजेक्शन बेचते हुए दो लोगों के पकड़े जाने के बाद अहमदाबाद से दो की गिरफ़्तारी की हुई। इसी क्रम में सूरत के ओलपाड के पिंजरत गांव के फार्म हाउस में छापा मारकर मोरबी पुलिस और सूरत क्राइम ब्रांच ने पूरे नेटवर्क का पर्दाफ़ाश किया है।

किराए के इस फार्म हाउस में ग्लूकोज़ और नामक मिलाकर नक़ली रेमडेसीविर इंजेक्शन बनाया जा रहा था। स्टिकर से लेकर वजन काँटा और पैकिंग की व्यवस्था यहाँ कर रखा था। पुलिस की माने तो आरोपियों ने अबतक 5000 हज़ार से ज़्यादा इंजेक्शन बेच चुके है। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ़्तार किया है।

कोरोना महामारी शुरुआत के बाद से ही जैसे जैसे रेमदेसीविर इंजेक्शन की मांग बढ़ी वैसे वैसे इसकी कालाबाजारी की खबरें भी सामने आती रही लेकिन अब तो मुनाफाखोरों ने हद ही कर दी उन्होंने हज़ारो की तादाद में नकली रेमदेसीविर इंजेक्शन बाजार में उतार दिया पिछले काफी समय से पुलिस इस मामले में जांच कर रही थी और उसे अब बड़ी सफलता हाथ लगी है।

गुजरात पुलिस ने शनिवार को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले एक राज्यव्यापी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस मामले में मोरबी, अहमदाबाद, सूरत में अलग -अलग जगहों पर छापेमारी कर 6 आरोपियों को पकड़ा है। इनके पास से 1.61 करोड़ रुपए कीमत के 3371 इंजेक्शन, 90 लाख की नकदी बरामद की गई है। कुल दो करोड़ 73 लाख से अधिक का मुद्दामाल जब्त किया है।

दरअसल मोरबी में नकली इंजेक्शन बेचने की सूचना पर मोरबी पुलिस ने मोरबी क्रिष्णा चैम्बर में ओम एन्टिक जोन नाम की ऑफिस में दबिश देकर राहुल कोटेचा, रविराज लुवाणा को को 41 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन और 2.155 लाख नकदी के साथ पकड़ा। जिसकी शिकायत मोरबी सिटी बी डिवीजन थाने में दर्ज की गई।

इस मामले में आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि वो ये नकली इंजेक्शन अहमदाबाद के रहने वाले आसिफ के पास से लेकर आए थे। ये खुलासा होने पर मोरबी एलसीबी की एक टीम अहमदाबाद पहुंची और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के एसीपी डी पी चुड़ास्मा व उनकी टीम की मदद से जुहापुरा से मो. आसिम उर्फ आसिफ तथा रमीज कादरी को पकड़ लिया। आरोपियों के मकान से 56 लाख रुपए से ज्यादा कीमत के 1170 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए। इसके अलावा इंजेक्शन बेचकर जुटाए गए 17 लाख 37 हजार रुपए जब्त किए गए।
इन दोनों आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि वे इन इंजेक्शनों को सूरत के रहने वाले कौशल वोरा के पास से लाए थे। जिस पर एक टीम को सूरत भेजा और सूरत क्राइम ब्रांच के एसीपी आर आर सरवैया की टीम की मदद से सूरत जिले की ओलपाड तहसील के पिंजरात स्थित फार्म हाऊस पर दबिश दी।

सूरत के ओलपाड के पिंजरत गांव के फार्म हाउस में छापे के दौरान पाया गया कि किराए के इस फार्म हाउस में ग्लूकोज़ और नामक मिलाकर नक़ली रेमडेसीविर इंजेक्शन बनाया जा रहा था। स्टिकर से लेकर वजन काँटा और पैकिंग की व्यवस्था यहाँ कर रखा था। पुलिस की माने तो आरोपियों ने अबतक 5000 हज़ार से ज़्यादा इंजेक्शन बेच चुके है। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ़्तार किया है।

फार्म हाऊस से कौशल वोरा, उसका पार्टनर पुनित शाह को पकड़ लिया गया।यहां से 160 नकलीरेमडेसिविर इंजेक्शन ,74.70 लाख की नकदी बरामद की गई। इस फार्म हाऊस से रेमडेसिविर इंजेक्शन की 63 हजार कांच की शीशी बरामद हुईं। इसके अलावा इन शीशियों पर लगाने के लिए रखे 30 हजार स्टीकर, शीशी को सील करने वाली मशीन बरामद की गई। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने मुंबई की एक प्रिंटिंग प्रेस में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टीकर प्रिंट करवाए थे। इसके अलावा कौशल की ओर से अहमदाबाद भेजे गए 96 लाख कीमत के 2000 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी जब्त किए गए हैं। इसे किराए की कार में लेकर जाने वाला सिराज उर्फ राजू पठान फरार हो गया। मामले की जांच मोरबी एसओजी पीआई जे एम आल को सौंपी है।

आरोपियों की पूछताछ और प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपी जिस इंजेक्शन को रेमडेसिविर के नाम पर 2500 और 20 हजार रुपए कीमत पर बेचते थे। वह नकली थे। उसे आरोपी ग्लूकोज और नमक को मिश्रित करके बनाते थे। अब तक ये करीब 5 हजार इंजेक्शन बेच चुके हैं।

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