सलिल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार, मिर्जापुर.
लौह दिवस, 31अक्टूबर का चयन किया गया है आंदोलन के लिए
मिर्जापुर । अभियांत्रिकी-विशेषज्ञों ने योगेश्वर श्रीकृष्ण के पांच गांवों की तरह पांच मांग को लेकर कुरुक्षेत्र के मैदान (संघर्ष) में उतरने के दिन का भी चयन इंजीनियरिंग पद्धति से किया है। इसके लिए लौह-इरादा जताने के लिए लौह-दिवस का संयोग बैठाया गया प्रतीत हो रहा है। दिन, 31 अक्टूबर लौहपुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल के जन्म का है तो लौह-महिला (आयरन-लेडी) इंदिरा गांधी के बलिदान का है। इसी दिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के सम्मुख बैठकर मध्याह्न 12 बजे UPEA मध्याह्न के प्रचंड किरणों की तरह अपना तपिश बिखेरेगा ताकि उनकी मांगों को भरपूर ऊर्जा मिल सके।
आंदोलन के नेतृत्वकर्ता संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष श्री सुरजीत सिंह निरंजन और प्रांतीय महासचिव श्री आशीष यादव को आंदोलनकर्ता महाभारत वाले पौराणिक कुरुक्षेत्र वाले मैदान के श्रीकृष्ण और अर्जुन ही मान रहे हैं। पांच मांगों में अनिवार्य सेवानिवृत्ति एवं अनायास सतर्कता जांच की आड़ में इंजीनियरों के उत्पीड़न पर रोकथाम को प्रथम वरीयता देते हुए जांचों को समयबद्ध निस्तारित किए जाने की मांग की है । इसके अलावा हर स्तर के अभियांत्रिकी विभागों के निजीकरण नहीं किए जाने, पुरानी पेंशन बहाल करने, 13 राज्यों की तरह प्रमुख सचिव तथा कतिपय अन्य पदों पर इंजीनियर-संवर्ग को तैनात करने तथा अभियन्ता-आयोग गठित करने की मांग की गई है ।
अक्टूबर की पांच तारीख में विद्युत अभियन्ताओं की हुई हड़ताल की सफलता से UPEA ऊर्जान्वित एवं उत्साहित दिख रहा है।