योगोेश यादव, ब्यूरोचीफ, बाराबंकी

  • ऑक्सीजन न मिलने के चलते दांव पर लगी दर्जन भर बच्चों की जिंदगी
  • हॉस्पिटल प्रशासन भी लाचार
  • ऑक्सीजन का नही हो पा रहा इंतजाम

बाराबंकी जिले के दोनों ऑक्सीजन प्लांट लिक्विड ऑक्सीजन न मिलने से बंद हो गए हैं। आलम ये है कि जिन अस्पतालों में इलाज के लिए ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत है, वहां भी अब ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन हॉस्पिटल को बंद करने की बात कर रहा है।ताजा मामला बाराबंकी के अवध चिल्ड्रन हॉस्पिटल का है। जहां ऑक्सीजन न मिलने के चलते हॉस्पिटल में भर्ती करीब दर्जन भर बच्चों की जिंदगी दांव पर लग गई है।

पूरा मामला बाराबंकी जिले के पुलिस लाइन चौराहे पर स्थित अवध चिल्ड्रन हॉस्पिटल का है। जहां दस से बारह बच्चे इलाज के लिए एडमिट हैं और सभी की हालत काफी सीरियस है। सभी बच्चों को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है, लेकिन अस्पताल प्रशासन को ऑक्सीजन का इंतजाम करने में काफी परेशानी हो रही है। अस्पताल के डाक्टर का कहना है कि इन सभी बच्चों की जान बचाई जा सकती है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के चलते हम लोग लाचार हो चुके हैं।

अस्पताल के डाक्टर सैय्यद मोहम्मद शाकिब का कहना है कि उन्हें अस्पताल के लिए ऑक्सीजन का प्रबंध करने में काफी परेशानी हो रही है। डाक्टर के मुताबिक वेंटिलेटर पर रखे एक बच्चे को 24 घंटे में कम से कम 4 ऑक्सीजन सिलिंडर की जरूरत होती है, लेकिन हम लोगों के ऑक्सीजन नहीं मिल रही।उन्होंने बताया कि जब वो लोग ऑक्सीजन रिफिल कराने जाते हैं तो उनके साथ वहां बैठे पुलिसकर्मी बुरा बर्ताव करते हैं। डाक्टर का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमें अपना हॉस्पिटल बंद करना पड़ जाएगा।

वहीं हॉस्पिटल में एडमिट बच्चों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चों के इलाज के लिए ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। डाक्टर किसी तरह दवाओं के सहारे इलाज कर रहे हैं। ऑक्सीजन नहीं मिलने से बच्चों के इलाज में काफी दिक्कत हो रही है

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