लखनऊ। कोरोना काल के बीच राजधानी लखनऊ में शनिवार रात दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। होम आइसोलेशन में रह रहे पति और बेटे की मौत हो गई। वहीं दिव्यांग पत्नी करीब चार दिन तक घर में दोनों के शवों के साथ रही। रात करीब आठ बजे भीषण दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। दरवाजा तोड़ा और उनके शवों को बाहर निकलवाया। पत्नी दहशत में हैं, उन्हें अस्पताल भेजा गया है।
मामला लखनऊ के कृष्णानगर की एलडीए कॉलोनी सेक्टर सी-वन का है। यहां के निवासी अरविंद गोयल (60) अपने बेटे आशीष गोयल (25) संग होम आइसोलेशन में रह रहे थे। घर में अरविंद की दिव्यांग पत्नी भी थी। मोहल्ले वालों का कहना है कि चार दिन से परिवार का कोई सदस्य घर के बाहर नहीं निकला था। चार दिन पहले ही अरविंद को घर के बाहर खड़े हुए देखा गया था। पड़ोसियों ने बताया कि लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण मोहल्ले के लोग भी घरों से बाहर कम ही निकलते हैं। इसलिए किसी का ध्यान अरविंद की ओर नहीं गया। शनिवार रात दुर्गंध आने पर पुलिस को सूचना दी गई। पड़ोसियों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि अरविंद और उनका बेटा आइसोलेशन में है।
अरविंद की पत्नी को जब पुलिस और मेडिकल टीम ने बाहर निकाला तो वह दहशत में थीं। उनके मुंह से ठीक से आवाज भी नहीं निकल रही थी। काफी कमजोर भी थीं। अरविंद की पत्नी ने बताया कि कमरे में पति और बेटे का शव पड़ा देखकर वह चीखती रहीं लेकिन किसी मोहल्ले वाले ने उनकी आवाज नहीं सुनी। घर पर चारपाई पर पड़ी थीं। चलने फिरने में असमर्थ होने के कारण वह घर के बाहरी दरवाजे तक भी नहीं पहुंच सकीं। दरवाजा अंदर से बंद था।कृष्णानगर इंस्पेक्टर महेश दुबे के मुताबिक अरविंद और उनका बेटा आशीष दोनों होम आइसोलेशन में थे। संक्रमित होने के कारण ही उनकी मौत हुई है। अरविंद की पत्नी को अस्पताल भेजा गया है। पिता-पुत्र के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं।