सलिल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार, मिर्जापुर.

 

  • पूजन में सादगी पर रीझती हैं दैवी शक्तियां

मिर्जापुर। दर्शन-पूजन आत्मिक सुख के लिए होता है इसलिए इसे गोपनीय ही रखने के धर्मशास्त्रों के सिद्धांत को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के छोटे भाई श्री पंकज मोदी भलीभांति जानते हैं, लिहाजा वे गुजरात से चलकर वाराणसी होते मां विन्ध्यवासिनी धाम जब आए तो इक्के दुक्के लोगों को छोड़कर कोई जान न पाया कि श्री पंकज मोदी दर्शन कर चले गए।

श्री मोदी बुधवार, 30 जून को यहां आए। पूजन के लिए तीर्थपुरोहित की आवश्यकता को देखते हुए लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी नगर विधायक के साथ तीर्थ पुरोहित श्री रत्नाकर मिश्र के पास ले गए । श्री मिश्र ने उन्हें दर्शन पूजन कराया।

श्री पंकज मोदी जो गुजरात में पर्यटन विभाग में अधिकारी हैं, ने किसी प्रोटोकाल की मनाही कर दी। लिहाजा वे सामान्य रूप में दर्शनार्थी बनकर ही रहे। कुछ क्षण जंगीरोड पर कोर्णाक होटल में ठहरने के बाद वे वाराणसी लौट गए।

तीर्थ स्थानों और धार्मिक मंदिरों में सामान्य भाव में दर्शन-पूजन की महत्ता तो है लेकिन प्रायः ऊंचे ओहदे के लोग इसे भूल जाते हैं लेकिन श्री पंकज मोदी ने इसे याद रखा। वरना वे चाहते तो ‘न भूतो न भविष्यति’ जैसा काफिला लग जाता।

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