बन्दना शर्मा, ब्यूरोचीफ, बिहार.

बिहार में लगातार एक बाद एक कोई न कोई राजनेता बिहार की राजनीति को हवा दे रहा हैं। बिहार की राजनीति में इन दिनों लगातार भूचाल सा आ रहा हैं। शनिवार को बिहार में पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने तीसरा फ्रंट की बात कह कर एक बार फिर बिहार की राजनीति में अपनी मौजुदगी को दर्ज कर दिया। उन्होने ने पटना में पत्रकार वार्ता कर विधानसभा चुनाव में तीसरा फ्रंट बनाने की बात कर न सिर्फ अपनी मौजदुगी दर्ज कराई हैं बल्कि कई राजनीतिक दलों के समीकरण को भी हीला दिया हैं।

सिन्हा ने कहा कि बिहार की स्थिति क्या है। वह आपके सामने रख रहा हूं। जैसे मानव विकास में 27 साल में नीचले स्तर पर है। बिहार आज सारे प्रदेशों में गरीब है। हर साल 40 लाख लोग बिहार से पलायन करते हैं। क्योंकि उनको लेकर कोई रोजगार नहीं हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था में सबसे नीचले स्तर पर हैं।

सिन्हा ने कहा कि बिहार में विधि व्यवस्था खत्म है।  यहां पर बिना पैसा को कोई ऑफिस में काम नहीं होता है। सिन्हा ने कहा कि हाल के दिनों में यह देखा गया कि लॉकडाउन के दौरान फंसे लोग कैसे और किस तरह से पैदल अपने गांव आए। यह दुखद था।

मैं भी बिहार होने का दर्द झेला हूं, लेकिन यह साबित किया है कि हम सबसे बेहतर है।  लेकिन इस बार बिहारी होने के गर्व पर इस बार ठेस पहुंचा है। कैसे इस गौरव को वापस लाया जाए। इसको लेकर रणनीति बनानी है। सिन्हा ने कहा कि मुझे भी बुलाया गया था। जिसको लेकर मैं कई दिनों से पटना में हूं। बिहार की प्रतिष्ठा को वापस लाने के लिए जीवन का बचा वक्त बेहतर बनाने में लगाए। मैं अपने सभी साथियों को साथ देने के लिए धन्यवाद देता हूं। इस दौरान अरूण कुमार, नागमणि, नरेंद्र सिंह समेत कई नेता मौजूद रहे।

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