कुछ दिन पहले उप मुख्यमंत्री उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विधानसभा सभा में सरकार की उपलब्धियां गिनाते समय विपक्ष पर जोरदार हमला बोला था. उन्होने सिलसिलेवार रूप से पिछली सरकारों के मुकाबले विकास और सुदृढ़ कानून व्यवस्था पर भाजपा शासन की बढ़त को रेखांकित किया था.एक बार फिर उन्होने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने सुशासन की स्थापना की है. कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है. भ्रष्टचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल किया जा रहा है. यही कारण है कि भाजपा को लगातर ज़न विश्वसन हासिल हो रहा है. दूसरी तरह विपक्ष के नेता परेशान है. हर चुनाव में राज्य की जनता भाजपा पर भरोसा जता रही है। बृजेश पाठक प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे.उन्होने जांच एजेन्सी पर सवाल उठाने वाले उन विपक्षी नेताओं पर पलटवार किया, जिन्होंने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था. इन नेताओं ने जांच एजेंसियों की कार्य पद्धति पर सवाल उठाते हुए विपक्षी नेताओं को फंसाने का आरोप लगाया था। बृजेश पाठक ने अखिलेश यादव समेत पूर्ववर्ती सपा की सरकारों को कटघरे में खड़ा किया है।
कहा कि पत्र लिखने वाले सभी नौ नेता भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे हैं. अपना बचाव करने के लिए यह हथकंडा अपना रहे हैं. पांच मार्च को नौ विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियां गलत तरीके से कार्य कर रही हैं। पाठक ने कहा कि उन सभी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। कदाचार के आरोप हैं। उसमें सपा के मुखिया भी हैं। भ्रष्टाचार के दल-दल में सपा की सारी सरकारें आकंठ डूबी रही हैं। गोमती रिवर फ्रंट घोटाला, जेपीएनआईसी घोटाला हमें आज भी याद है। सपा सरकार में 97 हजार करोड़ से अधिक का खाद्यान्न घोटाला हुआ। सपा सरकार में ही खनन घोटाला हुआ। अखिलेश सरकार के खनन मंत्री अभी तक जेल में हैं। उनकी सरकार में लैपटॉप घोटाला हुआ है। खाद्यान्न घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है। पुलिस भर्ती घोटाला भी सपा सरकार में हुआ था। समाजवादी पेंशन घोटाला हुआ था। सपा के लोगों ने अपने कार्यकर्ताओं को अपने लोगों को पेंशन का लाभ दिलाया था। यूपीपीएससी में भी घोटाला हुआ। उप्र लोक सेवा आयोग को एक जाति का आयोग बनाकर रख दिया था। उन्होंने कहा कि इत्र के मित्र के बारे में चुनाव से पहले आप सबने सुना ही था। अरबों रुपये मिले थे। बृजेश पाठक ने तंज कसा कि अखिलेश यादव भ्रष्टाचार के कुलभूषण हैं। इसके लिए उन्हें पुरस्कार मिलना चाहिए। सपा शासन में जब-जब भर्तियां हुई हैं, तब तब घोटाले हुए हैं। उप मुख्यमंत्री ने दावा किया कि विपक्षी नेता खुद को बचाने के लिए आरोप लगा रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करेंगी.