राजीव गांधी स्टडी सर्किल लखनऊ द्वारा रामराज्य और गांधी दर्शन विषय पर एक बेबिनार का आयोजन किया गया।
इस आयोजन में आरजीएससी के नेशनल कोआर्डीनेटर प्रो सतीश राय जी ने अपने उदबोधन में कहा कि रामराज्य वस्तुत: गरिबों मुफलिसो को समाज में उनके हिस्सेदारी देना एवं राजा राम के चरित्र के अनुसार समाज में त्याग, समर्पण, साहस, धैर्य और समानता की स्थापना ही वास्तवीक रामराज्य हैं। आज समाज में घृणा द्वेष साम्प्रदायिकता का बोलबाला हैं। व्यक्ति स्वार्थ हित से प्रेरित हो कर लक्ष्य की प्राप्ति के लिये गलत साधनों का प्रयोग कर रहा हैं। राजनितीक सत्ता प्राप्ति का मार्ग धर्मनिष्ठ न हो कर स्वार्थ हित से प्रेरित हैं।
इस अवसर पर स्टेट कोआडिनेटर प्रो. विनोद चन्द्रा ने कहा कि राजा राम के रूप में नही मार्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के रूप में प्रत्येक समाज के लिये अनुकरणीय हैं। समाज को सही दिशा में ले जाने के लिये गांधी का रामराज्य ही सर्वोत्तम मार्ग हैं। गांधी के रामराज्य में भगवान श्री राम के चरित्र और आचरण का अनुकरण अगर किया जाये तो समाज अनेक समस्याओं से मुक्त रहेगा। यहां ये भी बताना जरूरी हैं कि हिंसा द्वेष, घृणा, अपमान का रामराज्य में कोई स्थान नही है।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ ध्रुव कुमार त्रिपाठी कोआडीनेटर लखनऊ ने किया एंव कार्यक्रम का संयोजन और अतिथीयों का स्वागत रीजनल कोआडिनेटर डॉ परवेज मशी ने किया। इस कार्यक्रम में राजस्थान के प्रो. मीणा कोटवाल, विद्यान्त कालेज के प्रो. ब्रीजेन्द्र पाण्डे, डॉ बी बी यादव, डॉ संजय तिवारी, गोरखपुर के कोआर्डीनेटर डॉ प्रमोद शुक्ला, सहित अनेक गणमान्य प्रोफेसर अपने विचार व्यक्त किये।