शारदा शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार.
चिंटू का बर्थ डे- बोल्ड कंटेंट परोसने वाले OTT प्लेटफॉर्म पर 5 जून को एक बेहद संवेदनशील पारिवारिक फिल्म का प्रीमियर हुआ। फ़िल्म का नाम है “चिंटू का बर्थ डे”। फ़िल्म zee5 पर देखी जा सकती है।जैसा कि नाम से ही अंदाज लगाया जा सकता है कि फिल्म बर्थ डे की कहानी है। चिंटू 6 साल का बच्चा है जो अपने परिवार के साथ ईराक में रहता है। सन् 2004 में सद्दाम हुसैन के मारे जाने के बाद वहां युद्ध के हालात पैदा हो गये है। इन हालात में चिंटू के माता-पिता,बड़ी बहन और नानी उसका बर्थ डे मनाने का जतन कर रहे हैं। फ़िल्म का कैनवस अंतर्राष्ट्रीय होते हुए भी कहानी को पूरी सफलता से एक घर में ही शूट किया गया है। शहर में युद्ध के हालात बताने के लिए ध्वनि का सहारा लिया गया है। जो सफल रहा है। घर के बाहर बम फूट रहे हैं और घर के अंदर केक बनाने की तैयारी चल रही है। एक पुराने खटारा ओवन को ठीक ठाक करके उसमें केक पकाने के लिए रखा जाता है। बहन घर सजाने में पूरे उत्साह से लगी है। तभी अमेरिकी सैनिक मिलिटेंट्स की तलाश में घर में घुस आते हैं।
उनकी उपस्थिति माहौल को टेंस करती है। यहां तक कि चिंटू के उत्साही ममतामई पिता (विनय पाठक) की पिटाई भी हो जाती है। ऐसे ही घटनाक्रमों के बीच कहानी आगे बढ़ती है। अंततः चिंटू का बर्थ डे मन पाता है कि नहीं???? मेरी मानिए पहली फुर्सत में फिल्म देख ही डालिए।चिंटू के पिता के रोल में विनय पाठक बहुत ही प्यारे लगे हैं। उनकी पत्नी सुधा बनी हैं तिलोत्तमा शोम। वो होम मिनिस्टर हैं और पति-मां और बच्चों का कंट्रोल पैनल भी। लेकिन पिक्चर के स्टार है चिंटू बने वेदांत चिब्बर। ये बच्चा पूरे दुख और अफसोस के साथ बात करता है। और पूरा भाव आप तक पहुंच जाता है। चिंटू की बहन लक्ष्मी के रोल में बिशा चतुर्वेदी और नानी के रोल में सीमा पाहवा नज़र आई हैं। सीमा पाहवा फिल्म दर फिल्म सहज अभिव्यक्ति में माहिर होती जा रही हैं। बिशा का स्क्रीनटाइम कम है लेकिन उतने में ही वो फिल्म को इमोशनल डेप्थ देती हैं। विनय पाठक हमेशा की तरह आपको अपने अभिनय का कायल कर देंगे।
जब पूरा परिवार बंदूक की नोक पर सहमा खड़ा है उसी समय चिंटू के नाना नानी का इंडिया से फोन आना एक भावुक पल है। पूरी फिल्म भय और प्रेम की चाशनी में सराबोर है, जिसमें बिहार बार बार गमक उठता है।