अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)
रॉयल स्टैग बैरल सिलेक्ट लार्ज शॉर्ट फिल्म्स ने आज ‘फ्रिक्शन’ का प्रीमियर किया, जिसे ‘डिसकनेक्टेड’ के मेकर्स ने बनाया है। यह न्यूक्लियर फैमिली पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म है, जिसमें एक आधुनिक कपल के बीच की छोटी-छोटी तकरारें एक बड़ी असहमति का रूप ले लेती हैं। इस तरह उनकी बड़ी योजनाओं का एक बुरा अंत होता है। इस शॉर्ट फिल्म का निर्देशन सुमित सुरेश कुमार ने किया है । निर्देशक सुमित सुरेश कुमार ने इसमें उन नकारात्मक पहलुओं को दिखाने की कोशिश की है कि रिश्तों में आम असहमतियाँ कैसे उन फैसलों में बदल सकती हैं, जिनका खेद जिन्दगी भर रह सकता है।
इस फिल्म को एक लेयर्ड थीम पर दिखाया गया है और नॉन-लिनीयर नैरेटिव से पेश किया गया है, जिसमें एक आधुनिक मिडल-एज्ड कपल का नजरिया पेश किया गया है। राहुल की भूमिका में संजय कपूर और रोस्किजा की भूमिका में श्वेता क्वात्रा हैं और उनका 10 साल का बेटा ऋषि है।
इसमें ‘रोस्कि’ का एक फोन कॉल राहुल को उसके अतीत के सफर में भेज देता है! इसके बाद उन तीनों की जिन्दगी बदल जाती है, इस तरह, जिसकी गहराई कोई नहीं समझ सकता। आखिर में राहुल सोचता रह जाता है कि क्या होना चाहिये था और क्या हो गया।
‘फ्रिक्शन’ पर बात करते हुए संजय कपूर ने कहा कि , “रॉयल स्टैग बैरल सिलेक्ट लार्ज शॉर्ट फिल्म्स हमेशा से असाधारण कहानियों को लोगों तक पहुँचाने का एक बेहतरीन मंच रहा है। मैं यह देखने के लिये उत्साहित हूँ कि हमारे दर्शक बड़ी खूबसूरती से लिखी गई इस फिल्म की व्याख्या कैसे करते हैं। मेरे लिये तो यह अपनी रोजाना की जिन्दगी के साधारण से दिखने वाले रूटिन्स का शुक्रगुजार होने का रिमाइंडर है। यह फिल्म बहुत अच्छी तरह से याद दिलाती है कि स्थितियाँ कैसे खतरनाक हो सकती है, अगर उनका लगातार ध्यान नहीं रखा जाए।”
श्वेता क्वात्रा ने कहा कि , “यह फिल्म इस बात को बहुत अच्छे से पेश करती है कि “न इसके साथ जिया जा सकता है, न इसके बिना रहा जा सकता है। इसकी कहानी बताती है कि आपसी मनमुटाव कैसे रिश्ते और परिवारों को बना सकता है और बिगाड़ भी सकता है, अगर उस पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जाए।‘’
लेखक और निर्माता मंधीर साहनी ने कहा, “फ्रिक्शन में रिश्तों का नकारात्मक संकेत पारंपरिक रूप से दिया गया है, लेकिन स्वस्थ संतुलन पर इसका प्रभाव बहुत सकारात्मक है। यह फिल्म रिश्ते को लेकर लोगों की कोशिशें दिखाती है। मुंबई की भीगी हुई सड़कों के परिदृश्य में एक नॉन-लिनीयर नैरेटिव के जरिये इन छोटे पहलुओं पर रोशनी डाली गई है।‘’
इस फिल्म का निर्देशन सुमित सुरेश कुमार ने किया है, जो श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एसआरसीपीए) के भूतपूर्व स्टूडेंट रहे हैं। उन्हें अपने कई कलात्मक योगदानों और कार्यो के लिये समीक्षकों से सराहना मिली है, जैसे ‘एक माखफी किस्सा’, जो एक नाटक है, जिसे उन्होंने वर्ष 2019 में लिखा और निर्देशित किया था। ‘फ्रिक्शन’ के अलावा सुमित ने एक और शॉर्ट फिल्म ‘कोफुकू’ का निर्देशन किया है, जिसे अभी रिलीज होना है और फिलहाल वह एक फीचर फिल्म पर काम कर रहे हैं।