डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का शुभारंभ किया था। यह अब प्रगति पर है। इसकी धमक दुनिया में दिखाई देने लगी है। कोरोना वैक्सीन का निर्माण आत्मनिर्भर अभियान की बानगी है। जिसके लिए सैकड़ों देश लाईन में है। इसी प्रकार रक्षा क्षेत्र में भी इस अभियान ने दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया है। भारत अभी तक सामरिक हथियारों का सबसे बड़ा आयातक माना जाता था। अब चालीस से अधिक देशों को भारत सामरिक उत्पाद का निर्यात कर रहा है। अन्य क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत अनेक योजनाएं संचालित हो रही है। इस प्रकार के विचार लखनऊ विश्वविद्यालय में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी उद्यमिता विकास:रोजगार सृजन एवं विकास की कार्य योजना में सुनाई दिए। अंतिम दिन मुख्य अतिथि प्राथमिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी थे। उन्होंने कहा कि उद्यमिता की अवधारणा बहुत पुरानी है। यह सिद्धांत से ज्यादा व्यवहार का विषय है ।उन्होंने अमेजन के संस्थापक का उदाहरण दिया। बताया कि कैसे उन्होंने व्यवसाय जगत की सफलता के सर्वोच्च को हासिल किया। आत्म निर्भर का जो सपना है उसे उद्यमिता के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है। वर्तमान में कम पूंजी वाला व्यक्ति भी प्रधान मंत्री के द्वारा चलायी गयी विभिन्न स्टार्ट अप योजनाओं के माध्यम से उद्यमी बन सकता है।
समजिक आर्थिक विकास
मुख्य वक्ता के रूप में एजु गोरिल्ला के संस्थापक एवं सीईओ रोहित मांगलिक एवं चेयर पर्सन के रूप में न्यायधीश डॉ डी के अरोड़ा उपस्थित रहे। रोहित मांगलिक ने कहा कि असफलता , सफलता और विकास के लिए बहुत ही महतत्वपूर्ण है ।
न्यायधीश डी.के. अरोड़ा ने कहा कि उद्यमिता , समजिक और आर्थिक विकास से जुड़ा हुआ है। उन्होंने उद्यमिता के महत्व को रेखांकित किया।
ODOP पर विचार
एक जिला एक उत्पाद योजना का उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ किया था। इसकी सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया है। संगोष्ठी के अंतिम दिन तृतीय एवं चतुर्थ तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ। तृतीय तकनीकी सत्र जिसका विषय बिंदु उद्यमिता एवं क्षेत्रीय समुदाय विकास था। इसके चेयरपर्सन पूर्व विभागाध्यक्ष एवं डीन,बरकत उल्लाह विश्वविद्यालय,भोपाल प्रो एसके खटिक एवं सह चेयरपर्सन के रूप में प्रो सुधीर कुमार शुक्ला सर उपस्थित रहे। इस सत्र के संयोजक डॉ नागेंद्र मौर्य एवं सह संयोजक मिस प्रियंका मजुमदार थे। चतुर्थ सत्र जिसका विषय बिंदु ओडी ओपी के माध्यम से उद्यमिता विकास और महिला उद्यमिता था। इस सत्र के संयोजक डॉअनूप कुमार सिंह एवं सह संयोजक डॉ जया त्रिपाठी रही। इस सत्र के चेयरपर्सन प्रो विनय कुमार पांडेय एवं को सह चेयरपर्सन के रूप में प्रो संजय बैजल थे। इन तकनीकी सत्रों में विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के शिक्षकों,शोधार्थियों एवं छात्रों ने प्रतिभाग किया और अग्र लिखित विषयों पर अपना शोध पत्रों को प्रस्तुत किया: उद्यमिता विकास, रोजगार सृजन,कॉर्पोरेट और सामाजिक उद्यमिता,उद्यमिता विज्ञापन संस्थागत समर्थन,डिजिटल उद्यमशीलता, इक्रोफाइनेंसिंग, MSME’s,उद्यमिता और क्षेत्रीय और सामुदायिक विकास, महिला उद्यमिता, ODOP और उद्यमिता विकास। सेमिनार का उद्घाटन गत दिवस विधि मंत्र बृजेश पाठक जी, कैबिनेट मंत्री ने किया था। विशिष्ट अतिथि चोपड़ा रिटेक रबर उत्पाद लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक किरोन चोपड़ा थे। मुख्य वक्ता के तौर पर मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से प्रो फुरकान कमर शामिल हुए थे। डॉ सुनीता श्रीवास्तव के धन्यवाद प्रस्ताव के बाद संगोष्ठी का समापन किया गया।