डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना आपदा ने समाज के समक्ष बड़ी कठिनई पैदा की है। ऐसे में जरूरतमन्दों को राहत के प्रयास अपरिहार्य हो जाते है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना आपदा प्रबंधन प्रयासों के बीच ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय भी ले रहे है। यह तय किया गया कि कोरोना में जिन बच्चों के माता पिता नहीं रहे,उनका पालन पोषण सरकार के द्वारा किया जाएगा, गरीबों को तीन महीने तक राशन प्रदान किया जाएगा,इसके अलावा प्रदेश के युवाओं को टैंबलेट प्रदान की जाएगी। कोरोना आपदा ने समाज को बहुत प्रभावित किया है। अनेक बच्चों के सिर से माता पिता संरक्षण समाप्त हो गया। सामाजिक सुरक्षा की भावना के अनुरूप इनका पालन पोषण करना सरकार का दायित्व होता है। इसमें समाज के समर्थ लोग भी अपनी भूमिका का निर्वाह कर सकते है। सरकार ने आगे बढ़ कर यह जिम्मेदारी स्वीकार की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड के कारण जिन बच्चों के माता पिता का देहान्त हो गया,ऐसे अनाथ एवं निराश्रित बच्चों के भरण पोषण और समुचित देखभाल के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए। किसी भी शिक्षण संस्थान द्वारा यदि विद्यार्थियों से शुल्क लिया गया है तो शिक्षकों के वेतन से कटौती ना की जाए। आपदा के समय में किसी के वेतन से कटौती उचित नहीं है। वेतन का भुगतान समय पर किया जाए। शिक्षा से सम्बन्धित सभी विभागों द्वारा अपने अन्तर्गत संचालित शिक्षण संस्थानों में इस व्यवस्था का अनुपालन कराया जाए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना फेज तीन के अन्तर्गत प्रदेश में अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को निःशुल्क खाद्यान्न वितरण इस महीने से प्रारम्भ होगा। राशनकार्ड धारकों को पोर्टेबिलिटी के अन्तर्गत खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। वन नेशन-वन कार्ड योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों व प्रवासी मजदूरों को पोर्टेबिलिटी के अन्तर्गत प्रदेश की किसी भी उचित दर की दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। 14.71 करोड़ यूनिटों पर इस माह मई पांच किग्रा गेहूं व दो किग्रा चावल खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया जाएगा।
इसके अलावा युवाओं को टेबलेट देने का निर्णय भी महत्वपूर्ण है। डिजिटल इंडिया अभियान से देश को परोक्ष अपरोक्ष अनेक लाभ हुए है। व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। इसमें बिचौलिए नहीं है। हजारों करोड़ रुपये के लीकेज बन्द हुए। शत प्रतिशत धनराशि संबंधित लोगों तक पहुंचना सँभव हुआ है। कोरोना आपस के दौरान भी इससे सुविधा हुई है। शिक्षा व चिकित्सकीय परामर्श का चलन भी बढा है। राज्य सरकार के इस वित्तीय वर्ष के बजट में युवाओं को टैबलेट देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने इस सम्बन्ध में पूरी कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। एक अन्य कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ को आज यहां उनके सरकारी आवास पर लूलू ग्रुप की ओर से कोविड केयर कार्यं के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु पांच करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से निपटने के लिए प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के साथ साथ जरूरतमन्दों को हर सम्भव राहत एवं मदद उपलब्ध करा रही है। कोरोना के खिलाफ प्रदेश की लड़ाई में संस्था द्वारा प्रदान किया गया यह सहयोग सराहनीय है।