अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)
‘काटेलाल एंड संस’ में अग्नि का रोल कर रहे साहिल फुल्ल ने कहा, ‘‘पिता वे सुपरहीरोज़ हैं जिनके जैसा हम भविष्य में बनना चाहते हैं। फादर्स डे की मेरे दिल में बहुत खास जगह है क्योंकि यह दिन मुझे मेरी जिन्दगी के सबसे दमदार शख्स के गुण गाने का मौका देता है। इस साल मैं उनका फेवरेट परफ्यूम ऑर्डर कर चुका हूं, जो उन्हें फादर्स डे पर मिलेगा। इसके साथ ही मैं उन्हें वीडियो कॉल करके कहूंगा, ‘’आपका धन्यवाद, आपके कारण ही मैं आज इस मुकाम पर हूं।‘’ हर दिन एक जैसा होता है, लेकिन खासतौर से बनाये गये इन दिनों के कारण हम अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा उत्साह से अपनी भावना को साझा कर सकते हैं, इसलिये यह ज्यादा खास हो जाता है। मेरे पिता बहुत अनुशासित और जिम्मेदार व्यक्ति हैं। उन्होंने मुझे भी ऐसा ही बनना और कुछ भी हो, अपनी जिन्दगी को अपने हाथ में रखना सिखाया है। मुझे अब भी याद है कि जब मैं टीनेज़ था और कॉलेज के लिये मुंबई शिफ्ट हो रहा था, तब उन्होंने कहा था कि ‘गलत कभी करना नहीं, और कोई गलत हो, तो कभी झुकना नहीं’। अपनी जिन्दगी में उनका ‘जिम्मेदार’ होना मुझे उनकी सबसे अच्छी बात लगती है। आज वे जैसे हैं उम्मीद है कि मैं एक दिन उतना नहीं तो कम से कम उसका आधा तो बनकर ही दिखाऊंगा।’
‘तेरा यार हूं मैं’ की दलजीत बग्गा ऊर्फ सायंतनी घोष ने कहा, ‘‘मैं डैडीज गर्ल हूं, इसलिये मैं सबसे अच्छी याद के बारे में नहीं सोच पाती हूं, क्योंकि मैंने उनके साथ बिताये गये हर पल को संजोया है। मेरे पापा को मंदिर जाना पसंद है, इसलिये बंगाली नववर्ष पर उनके साथ मंदिर जाना और जब मैंने अपनी पहली गाड़ी खरीदी थी और जब उन्होंने मेरी कार चलाई थी यह दो खास यादें हैं। मुझे लगता है कि मैं अपने पिता का ही प्रतिबिम्ब हूं इसलिये मेरी पूरी जिन्दगी ही एक बेहतरीन याद है और एक बेटी के तौर पर मेरे पिता के साथ मेरा जो सफर रहा है वह मेरे दिल के लिये बहुत खास है। मेरा मानना है कि मैंने उनके दो गुणों को अपनाया है- काम करते रहने का स्वभाव और व्यवहारिकता का बोध। जिन्दगी के फैसलों पर वह बहुत तथ्यात्मक और व्यवहारिक हैं, साथ ही उनका एक भावनात्मक पहलू भी है। मेरी कामना है कि मेरे पिता इस कठिन समय में सुरक्षित रहें। मैं इस फादर्स डे पर उनसे नहीं मिल सकूंगी, लेकिन उन्हें शुभकामना और प्यार दूंगी ।’’
मैडम सर में इंस्पेक्टर करिश्मा की भूमिका निभा रहीं युक्ति कपूर ने कहा, ‘‘पिता हमारी जिन्दगी के सबसे बड़े सुपरहीरोज़ हैं और मेरे पिता भी वैसे ही हैं। उनके लिये मेरा प्यार बिना शर्त का और बेजोड़ है। मैं उन्हें सब-कुछ बताती हूं क्योंकि मुझे अब भी याद है कि मेरी किशोरवय के दौरान जब मैं दोस्तों के साथ जाती थी और देर से लौटती थी, वह मेरे लौटने तक मेरा इंतजार किया करते थे। उन्होंने मेरी पसंद को हमेशा समर्थन दिया है और इसके लिये मैं उनकी आभारी हूं। मैं हमेशा उनकी अच्छी सेहत और खुशी के लिये प्रार्थना करती हूं और कामना करती हूं कि उनकी जिन्दगी लंबी हो और वह हमेशा मेरा साथ दें।’’
”जीजाजी छत पर कोई है” में जितेन्द्र जामवंत जिंदल की भूमिका निभा रहे शुभाशीष ने कहा, ‘‘पापा के साथ मेरी फेवरेट याद वह है, जब हम मेरी एडमिशन काउंसलिंग के लिये मणिपाल गये थे। मैं पहले राउंड में अपनी पसंद की ब्रांच नहीं पा सका। मुझे इसका भरोसा था, लेकिन मेरा दिल टूट गया। चुनौती की उस घड़ी में पापा बहुत सपोर्टिव थे और एक अच्छे दोस्त की तरह मेरे साथ खड़े रहे। निराशा तो उन्हें भी हुई होगी, लेकिन उन्होंने पहले मुझे संभालने की सोची। वह मुझे वहां से पास की एक जगह अगुंबे तक ड्राइव करते हुए ले गये, जो पश्चिमी घाट की एक खूबसूरत और लुभावनी जगह है। उस ट्रिप ने मुझे राहत और कई संभावनाएं दीं। इस फादर्स डे पर मैं उनकी खुशी होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। मेरी प्रार्थना है कि उनके सारे सपने सच हों और उनकी जिन्दगी सुंदर और संतोषजनक हो ।’