रिपोर्ट-केयूर ठक्कर, गुजरात
- 13 फरवरी यानी रेडियो दिवस।
- सूरत केक युवा के पास एंटीक रेडियो का शानदार कलेक्शन।
- धवल भंडारी के पास 100 से ज्यादा विंटेज रेडियो का कलेक्शन।
- 1927 से लेकर 2022 तक हर तरह के रेडियो मौजूद।
- देश दुनिया के सारे रेडियो उसका जोरदार कलेक्शन।
- सूरत का यह युवा है एंटीक रेडियो कलेक्शन का दीवाना,1927 से लेकर 2022 तक आए 100 रेडियोज का विंटेज कलेक्शन
13 फरवरी यानी रेडियो दिवस वर्तमान समय में स्मार्टफोंस का जबरदस्त ट्रेंड चला है लेकिन इस ट्रेंड में कई ऐसे लोग भी हैं जो एंटीक चीजों के दीवाने होते है। सूरत के रहने वाले धवल भंडारी भी ऐसे ही रेडियो के विंटेज कलेक्टर है।
रेडियो के शौकीन इस युवक के पास 100 से ज्यादा देसी और विदेशी बनावट के रेडियो का संग्रह है जिनमें से बहुत सारे तो अभी चालू कंडीशन में है।जून 1923 में भारत में रेडियो की शुरुआत हुई जिनमें क्या बच्चे क्या बुजुर्ग सभी के जीवन की दशा और दिशा बदल दी देश की आजादी की पहली घोषणा भी रेडियो के माध्यम से ही देशवासियों को मिली थी।
सूरत शहर के उधना दरवाजा इलाके में रहते धवल भंडारी अपने दादा के शौक को आगे बढ़ाने में लगे हैं उनके पास विदेशी और देसी दोनों बनावट की एंटीक रेडियो का जबरदस्त संग्रह है।
धवले अपने दादा के शौक को न केवल आगे बढ़ाया और उसमें चार चांद भी लगा दिया धवल मानते हैं कि उनके गांव में आज भी रेडियो का ही चलन ज्यादा है। बात चाहे नेशनल पैनासोनिक की हो मर्सी की फिलिप्स की बुश की या मित्सुबिशी की हर तरह की रेडियो का संग्रह धवल के कलेक्शन में मौजूद है।
इन कलेक्शन में 6 से 7 रेडियो भारत में निर्मित है, मॉडल R 725 FRQ, HS-700 Q, MK8737 K जैसे और भी एंटीक रिड्यूस का संग्रह धवल के पास देखने को मिलता है जिसे उन्होंने बहुत ही प्यार और जतन से संग्रहित कर के रखा है।