डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

उत्तर प्रदेश में विगत तीन वर्षों के दौरान कृषि क्षेत्र में अनेक अभूतपूर्व उपलब्धियां दर्ज हुई है। इससे किसानों को लाभ हुआ। न्यूनतम समय में उनके खातों में शतप्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराई गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले एक वर्ष के दौरान पुरानी चीनी मिलों में बारह लाख कुन्तल गन्ने की पेराई होती थी। अब पिपराईच व मुण्डेरवा दोनों चीनी मिलों में एक वर्ष में करीब पैतालीस लाख कुन्तल गन्ने की पेराई हो रही है। इतना ही नहीं किसानों को उनके गन्ने के मूल्य का भुगतान समय से हो रहा है।

सल्फरलेस प्लाण्ट

योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लि की इकाई पिपराईच चीनी मिल के सल्फरलेस प्लाण्ट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने वर्चुअल माध्यम से मुण्डेरवा चीनी मिल, बस्ती के भी सल्फरलेस प्लाण्ट का लोकार्पण किया। साथ ही, उन्होंने बस्ती के लिए 202.30 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का ऑनलाइन लोकार्पण व शिलान्यास किया। इनमें 81.81 करोड़ रुपए लागत की 15 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 120.49 करोड़ रुपए की 43 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिपराईच एवं मुण्डेरवा चीनी मिल में प्रदेश के पहले सल्फरलेस प्लाण्ट हैं। इन प्लाण्ट्स से गोरखपुर तथा बस्ती सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश की देश व दुनिया में एक नई पहचान बनेगी। इन प्लाण्ट्स से कुशीनगर, संतकबीरनगर तथा सिद्धार्थनगर जनपद भी लाभान्वित होंगे। नई और आधुनिक चीनी मिलों को संचालित करना किसानों व नौजवानों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। पूर्वी उत्तर प्रदेश का हर जनपद किसी न किसी चीनी मिल पर आधारित है।

कोरोना काल में भुगतान कीर्तिमान

योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल खण्ड में चीनी मिलों के संचालन की चुनौती थी,लेकिन प्रदेश की 119 चीनी मिलें संचालित की गईं। इन चीनी मिलों के संचालन के साथ-साथ प्रदेश के अन्दर 01 लाख 12 हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का रिकाॅर्ड भुगतान किया गया। किसानों की आमदनी को दोगुना करने और उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार तत्पर है।

छह वर्षो की उपलब्धियां

पिछले छह वर्षों में किसान कल्याण की कई योजनाएं एवं व्यापक कार्यक्रम संचालित किए गए हैं। आजादी के बाद किसानों के हित में उतने कार्य नहीं किए गए, जितने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले मात्र छह वर्षों के दौरान हुए हैं। किसानों की आमदनी,उपज एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनाओं सहित विभिन्न खाद्यान्नों के समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा बकाया गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है। उन्हें तकनीक के साथ जोड़ते हुए ‘वन ड्राॅप, मोर क्राॅप’ योजना संचालित की गई। जल संरक्षण के अलावा, किसानों को सब्सिडी देने का कार्य भी किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसानों को दिलाया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 02 करोड़ 20 लाख से अधिक किसानों को लगभग 04 करोड़ 43 लाख रुपए उनके खाते में सीधे भेजे गए हैं।

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