ठाकुर विनोद सिंह, संवाददाता, सूरत.
गुजरात की सूरत पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पलसाना थाना क्षेत्र के मखिंगा गांव में झींगा कारखाना में बंधक बने रांची की 30 लड़कियों को मानव तस्कर से मुक्त कराया है। इनमें छह नाबालिग भी हैं. इन सभी को सूरत के पलसाना श्रीम्प फैक्ट्री से बरामद किया गया। पुलिस ने इस मामले में मंजू नामक एक महिला को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार मंजू मानव तस्करी गिरोह से जुड़ी है। वह झारखंड के कई जिलों से लड़कियों को लाती थी।
गुजरात के सूरत स्थित फैक्ट्री से बीते शुक्रवार को अनगड़ा की 30 लड़कियां बरामद की गयी है. इनमें छह नाबालिग भी हैं. इन सभी को सूरत के पलसाना की एक फैक्ट्री से बरामद किया गया. जानकारी के अनुसार ये सभी अपने गांवों से छह अगस्त से ही गायब थी. इन सभी को सिलाई-कढाई के नाम पर गुजरात ले जाया गया पर फैक्ट्री में इन्हें मछली ढोने और पैकिंग के काम में लगा दिया गया था. जब इन लड़कियों को फैक्ट्री से रेस्कयू किया गया तो इनमें से कई बीमार भी थींझारखंड, मानव तस्करी के मामले में सोर्स राज्यों में आता है. लंबे समय से यहां की लड़कियों को महानगरों में अवैध तरीके से ले जाने का काम होता रहा है. कोरोना के समय में जब ज्यादातर परिवहन के साधन बंद थे तब भी दलाल सक्रिय थे और यहां से मानव तस्करी का धंधा चलता रहा है।
लड़कियों से 12 घंटे काम कराया जा रहा है। भजन बेदिया की शिकायत पर हरकत में आई रांची पुलिस ने बचपन बचाओ एनजीओ के सहयोग से सूरत के पलसाना थाना से संपर्क किया। जिसके बाद सूरत पुलिस ने तुरतं करवाई करते हुए सभी बच्चियों को बचा लिया , शिकायत के मुताबिक फैक्ट्री में लड़कियों का शोषण हो रहा है। लड़कियां घर आना चाहती हैं लेकिन मानव तस्कर ने सभी को बंधक बना कर रख लिया है। किसी को भी घर वापस नहीं आने दिया जा रहा है। जबर्दस्ती डरा-धमका कर काम लिया जाता है।
फिलहाल सभी युवतियों को नारी सुरक्षा गृह में भेज दिया गया है जहा से जल्द ही झारखण्ड पुलिस उन्हें अपने घर पहुंचने का इंतेज़ाम कर रही है