भारतीय चिंतन सर्वाधिक उदार है.इसमें
सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना गई.
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत् |
अर्थात-सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।
इस विचार को विश्व स्तर पर स्वीकार किया जा रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना के समय ने दुनिया भारतीय चिन्तन के महत्त्व को स्वीकार किया है. इसकी झलक कॉन्क्लेव यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे-2022 के अवसर पर दिखाई दी. इस आयोजन का विषय ‘बिल्ड द वर्ल्ड वी वॉन्ट: ए हेल्दी फ्यूचर फॉर ऑल’ था. वस्तुतः यह विषय सर्वे भवन्तु सुखिनः विचार का ही रूप है. सन्योग यह कि इसका उद्घोष आध्यात्मिक राजधानी काशी में हुआ.यहां
स्वास्थ्य मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके के समापन समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि हेल्थ एण्ड वेलनेस के चार स्तम्भों में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर,आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शामिल हैं। इन चारों स्तम्भों में भारत के प्रत्येक नागरिक की आरोग्यता की कामना की गई है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का भी यही संदेश है. विगत 08 वर्षों से आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। एक लाख से अधिक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर पूरे देश में स्थापित किए गए हैं।
1947 से लेकर वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश में केवल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे। वर्ष 2017 से वर्ष 2022 के बीच में प्रदेश सरकार ने 35 नए मेडिकल कॉलेज भारत सरकार के सहयोग से स्थापित किए हैं, या निर्माण के अन्तिम चरण में हैं। देश में 70 वर्षों में मात्र 06 एम्स बने थे। वहीं आज देश में 22 एम्स बनकर अपना कार्य कर रहे हैं या निर्माण के अन्तिम चरण में हैं. देश में पहली बार मिशन इन्द्रधनुष के माध्यम से टीकाकरण के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने, पोषण मिशन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने, मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत और अन्तर्राष्ट्रीय औसत के समकक्ष पहुंचाने के कार्य किए गए. उत्तर प्रदेश में लगभग पंद्रह हजार हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस समय प्रदेश में ग्यारह हजार से अधिक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स कार्य कर रहे हैं। चार दशकों से मुसीबत बनी इंसेफेलाइटिस बीमारी को रोकने में सफ़लता मिली है. राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हर रविवार को जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार प्रत्येक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर में ई-टेलीकन्सल्टेशन एवं टेलीमेडिसिन की व्यवस्था करने जा रही है।