अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ )
श्वेता गुलाटी (सोनी सब के ‘शो तेरा यार हूँ मैं’ की जान्हवी बंसल)
हमारी परवरिश का एक बड़ा हिस्सा हमारे स्कूलों पर निर्भर करता है और इसलिये, हमें गढ़ने और आकार देने में शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। वे बच्चे को अनुशासित बनाने और उसे असली दुनिया के लिये तैयार करने में योगदान देते हैं। मुझे मेरी 10वीं की टीचर मैरी डिसूजा अब भी याद हैं, जिन्होंने सचमुच मेरे दिल को छूआ। उनकी अपनी बेटी नहीं थी और वह मुझे बेटी मानती थीं। मेरे जीवन पर उनका बड़ा प्रभाव है और अभी मैं उनके संपर्क में नहीं हूँ, लेकिन उनकी सिखाई हर चीज मुझे याद है।
स्कूल के दिनों में मुझे टीचर्स डे मनाना पसंद था, क्योंकि उस दिन स्टूडेन्ट्स ही टीचर बन जाते थे। उस दिन हमारे टीचर्स की छुट्टी रहती थी और हम हायर क्लास के स्टूडेन्ट्स प्राइमरी क्लास के स्टूडेन्ट्स को पढ़ाते थे। मैं पूरे साल टीचर बनने का इंतजार करती थी, क्योंकि उससे हमें अपने टीचर्स की तरह कठोर होने का मौका मिलता था और मेरे लिये वह मजेदार था।
तरूण खन्ना (सोनी सब के ‘तेनाली रामा’ में राजा कृष्णदेवराय)
बचपन से ही टीचर्स डे का मेरे जीवन में बड़ा महत्व है। मुझे वो तैयारियाँ और उत्सव याद हैं, जो हम दिल्ली में अपने स्कूल में करते थे। मैं उन दिनों को याद कर अब भी रोमांचित हो जाता हूँ। हर साल टीचर्स डे पर मैं अपने किसी टीचर जैसे कपड़े पहनता था और 12वीं कक्षा में तो मैंने हमारे प्रिंसिपल जैसे कपड़े पहन लिये थे। यह दिन शिक्षक समुदाय का जश्न मनाने का दिन होता है, जो किसी बच्चे के लिये उसके परिवार के बाद सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
ऐसे कई टीचर्स हैं, जिन्होंने मेरे जीवन में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर मेरे कराटे सर अरूण गोयल। उनकी सिखाई सबसे महत्वपूर्ण चीज थी खुद पर और ‘एक की ताकत’ पर विश्वास करना। अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं और अपनी पूरी ऊर्जा को एक बिन्दु पर केन्द्रित करते हैं और आगे बढ़ते हैं, तो ऐसा कुछ नहीं है, जिसे आप हासिल नहीं कर सकते।
स्मिता बंसल (सोनी सब के ‘अलादीनः नाम तो सुना होगा’ में रूखसार)
जब बच्चा बड़ा होता है, तब टीचर उसके जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे केवल शिक्षा नहीं देते हैं, बल्कि मूल्यों के बारे में भी सिखाते हैं। बच्चे स्कूलों में बहुत सारा समय बिताते हैं, केवल पढ़ने के लिये नहीं, बल्कि अपने संपूर्ण विकास के लिये और टीचर उस अनुभव का बड़ा हिस्सा होते हैं।
मैं एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ी हूँ, जहाँ नन होती थीं। उनमें से ज्यादातर बहुत कठोर थीं और ‘अलादीन- नाम तो सुना होगा’ के नये सीजन में मेरे किरदार जैसी थीं। मेरी एक टीचर सिस्टर जूलिया के हाथ में हमेशा डंडा रहता था और रूखसार के हाथ में भी डंडा रहता है।
आज मैं जो कुछ हूँ, उसमें मेरी डांस टीचर श्रीमती नायर का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने मुझे पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में हाथ आजमाने का मौका दिया और मैं मंच से डरती थी, उस डर को दूर करने में मेरी मदद की। उन्होंने मुझे भरतनाट्यम सिखाया और कई अन्य परफॉर्मिंग आर्ट्स में भाग लेने के लिये प्रेरित किया और आखिरकार मैं एक एक्टर बन गई।
देव जोशी (सोनी सब के ‘बालवीर रिटर्न्स’ में बालवीर)
टीचर्स डे मुझे बीते दिनों की याद दिलाता है, जो स्कूल के मेरे चहेते टीचर्स से जुड़ी हैं। मेरे स्कूल में टीचर्स की इस दिन छुट्टी रहती थी और स्टूडेन्ट्स उनका काम करते थे। हम अपने चहेते टीचर्स की तरह कपड़े पहनते थे और गंभीरता से अपना काम करते थे।
मेरे जीवन में मेरे हर टीचर का महत्वपूर्ण योगदान है। जब भी मुझे जरूरत हुई, उन्होंने मुझे सही रास्ता दिखाया। मेरी माँ शुरू से ही मेरी मार्गदर्शक रही हैं और अभिनय की कला उन्होंने ही मुझे सिखाई। मुझे लगता है कि टीचर्स का मार्गदर्शन सभी को चाहिये। मेरे टीचर्स ने मुझे जीवन के जो सबसे बड़े सबक सिखाये हैं, उनमें से एक यह है कि जीवन में आपकी दो यूनिफॉर्म्स होती हैं, एक को आप स्कूल में पहनते हैं और दूसरी आपको प्राप्त करनी होती थी। तो पहली यूनिफॉर्म के साथ कड़ी मेहनत करें, ताकि आपको दूसरी यूनिफॉर्म सही ढंग से मिले।
स्मिता सिंह (सोनी सब के ‘कैरी ऑन आलिया’ में दुर्गा)
टीचर्स डे उन सभी जानकार लोगों को धन्यवाद देने का दिन है, जिन्होंने अपनी जानकारी या ज्ञान को हमारे साथ बांटा है। मेरी पहली टीचर मेरी दादी माँ थीं और उन्होंने मुझे जीवन के हर चरण में आत्मविश्वास के साथ रहना सिखाया। अगर आपको खुद पर भरोसा है, तो आप जीवन में कुछ भी पा सकते हैं और यह सबक अब भी मेरे दिल के करीब है।
टीचर्स सभी के जीवन का अनिवार्य हिस्सा होते हैं और सही राह दिखाते हैं। वे बच्चे के विकास में योगदान देते हैं और उसका मार्गदर्शन करते हैं। मेरे टीचर्स की सबसे मूल्यवान सलाह यह है कि गलती तभी तक गलती होती है, जबतक आप उसे सुधारें नहीं। आपको पूरे जीवन सीखते रहना होता है, आप गलतियाँ करते हैं और उनसे सीखते हैं।