प्रसिद्ध संस्था आय ई एस आर की संस्थापक ज्योति जैन ने पहल करते हुए हर मंदिर में ” संस्कार” क्लासेस शुरू करने की अनोखी योजना के साथ सबका ध्यान खींचा है। उनकी संस्था और टीम निःस्वार्थ भाव से सनातन धर्म की मुफ्त शिक्षा दिलाने के लिए कमर कस चुकी है। इस संस्कार क्लासेस में हिंदू धर्म के हर वर्ग के बच्चे आकर अपनी संस्कृति और सभ्यता के बारे में ज्ञान हासिल कर सकेंगे।
संस्था से जुड़ी वरिष्ठ समाजसेविका कविता सिंह ने कहा कि ‘सनातन’ का अर्थ है शाश्वत या ‘हमेशा बना रहने वाला’, अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म मूलतः भारतीय धर्म है, जो किसी समय पूरे बृहत्तर भारत (भारतीय उपमहाद्वीप) में व्याप्त रहा है। पर आज के समय में हमारे बच्चे अपनी संस्कृति ,अपनी सभ्यता से दूर होते जा रहे हैं।ऐसे में आय ई एस आर की संस्थापक ज्योति जैन ने बहुत ही अच्छी पहल की है कि हर मंदिर में बच्चों के लिए ” संस्कार” क्लासेस शुरू किया जाए ।जहां हिंदू धर्म के हर वर्ग के बच्चे आकर अपनी संस्कृति और सभ्यता के बारे में ज्ञान हासिल कर सकते हैं।आज के समय में बहुत सारे बच्चों को तो इतना भी नहीं पता है कि धर्म होते कितने प्रकार के हैं।सनातन धर्म शुरूवात कब हुई ? आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है कि हम अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और सभ्यता से जोड़े रखने के लिए इसकी शिक्षा दिलवाएं। इस काम में शशिप्रभा ,कविता सिंह जी, सोनिया सिन्हा, प्रीति गोयल, नेहा और पूरी टीम ने मिलकर मुहिम शुरू की है।
कविता सिंह ने आगे बताया कि सर्वप्रथम इसकी शुरुवात दिल्ली और यू पी में होगी ।इसके बाद पूरे देश में ऐसे संस्कार क्लासेस शुरू किए जाएंगे।