सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
लोकसभा में मानसून सत्र में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में हिरासत में होने वाली मौतों में से औसतन 10 से 15 फीसदी मौतें अकेले गुजरात में होती हैं. 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 तक पिछले पांच साल में राज्य में 81 आरोपियों की पुलिस हिरासत में मौत के साथ गुजरात पुरे देश में टॉप पर है । देशभर में पुलिस हिरासत में कुल 687 लोगों की मौत हो चुकी है. गुजरात इसमें सबसे आगे है. गुजरात में पिछले पांच साल में पुलिस हिरासत में 81 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा सामने आने के बाद गुजरात पुलिस की क्रूर छवि सामने आई है। गुजरात के बाद महाराष्ट्र में 80 और मध्य प्रदेश में 46 जबकि तमिल नाडु में ३६ कस्टोडियल डेथ के मामले दर्ज हुए।
सरकार ने मंगलवार को लोकभा में यह जानकारी दी. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 तक देश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस हिरासत में 687 लोगों की मौत हुई है. वही इस तीन साल की अवधि के दौरान जेलों में सबसे अधिक 82 कैदियों द्वारा आत्महत्या करने के मामले में उत्तर प्रदेश टॉप पर है। पश्चिम बंगाल 34 के साथ दूसरे और हरियाणा 32 के साथ तीसरे स्थान पर है। जबकि गुजरात में 2019 में 6, 2020 में 11 और 2021 में 7 लोगों ने जेल में आत्महत्या की।
कटड़िअल डेथ में अव्वल रहने के इन आकड़ो से अब गुजरात पुलिस के कामकाज के तरीको पर सवाल उठने लगे है