डॉ आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन
औरत , प्रजातंत्र और विज्ञापन सिनेमा में जो कहानिया प्रस्तुत की जाती है उनके लिए कहा जाता है कि वो नग्नता नहीं है बल्कि कहानी की मांग है और वही दिखाया जा रहा है जो दर्शक की मांग है | पर आज मैं इस आदर्शवाद पर कोई बात करने के बजाये संविधान के अनुच्छेद १९ का बलात्कार ( अगर ज्यादा ख़राब लगे तो आप रेप कह कर काम चला लीजिये। दिखाने का प्रयास करना चाहता हूँ जो स्वतंत्रता के नाम पर विज्ञापन में औरत को किस तरह परोस रहे है क्या विज्ञापन में भी हम यही सब देखना चाहते है ???? आइये थोड़ा मेरे साथ कुछ विज्ञापन देखिये
- अमूल माचो एक लड़की एक कसरत करने वाले आदमी को देख देख कर पागल हुई जा रही है | अब वो क्या देखना चाहती है आप जगत गुरु कहलाने वाले देश में रह रहे है तो कहने की जरूरत नहीं है | पर कसरत करने वाली की पत्नी जानती है कि जो लड़की पागल हुई जा रही है , जो कभी सीढ़ी तो कभी टंकी पर चढ़ जा रही है , वो क्या देख रही है और उसका पागलपन क्यों है इस लिए वो चादर खीच देती है | ( कृपया देश की समस्त सम्मानित महिलाये और युवा लडकिया बताने की कृपा करें कि क्या भारत जैसे देश में लड़की का चरित्र यही है !!!!!!!!!!! खैर गांधी के देश में बोलना मना है वैसे मना तो देखना भी है पर मैंने गांधी के इस विमर्श को तोड़ कर बोल दिया है शायद आपकी नज़र में मैं बेशर्म ही हो सकता हूँ क्योकि गांधी के खिलाफ बोल कर कब िकिसी को इज्जत मिली है )
- हीरे का प्रचार करने वाली कंपनी ब्लू स्टोन में एक कमरे का दृश्य …………..लड़की ( लिविंग रिलेशन के लागू होने के बाद कहना मुश्किल है कि पत्नी है या फ्रेंड ) लेती हुई कुछ पढ़ रही है और पुरुष उसको बार बार छू कर कुछ इशारा करता है और अंत में वो आदरणीय महिला ( शायद आपको अच्छा न लगे तो अपने को युवा लड़की समझ कर पढ़िए) अपना पढ़ना छोड़ कर उसके बगल आकर लेट जाती है और अपनी भावना के कोमल पलों का इजहार करती है और पुरुष कहता है !!!!!!!!!!!! तुमने क्या समझ मैं तुम्हरे साथ !!!!!!!!!!!!( अब क्या हो सकता है कमरे में आप समझ लीजियेगा कुछ तो मेरी मदद कर ही सकते है ) और वो ब्लू स्टोन हीरे का सेट निकाल कर दिखता है और कहता है तुम्हारे लिए |अब आप खुद सोचिये कि पुरुष से ज्यादा उन्मादित महिला को दिखाया गया है ( भरतजैसे देश में जहा शादी के बाद भी एक मर्यादा है और ना जाने कितने विवाहित जोड़े एक साथ खड़े नहीं होते किसी के सामने और महिला तो यहाँ लज्जा का ही सार है वह महिला को सिर्फ बिस्तेर पर यही लगा कि पुरुष उसका शरीर चाहता है और पुरुष कमरे में भी शरीफ और बहार तो क्या कहने वैसे आपको देश की महिला के लिए ऐसी भवन देखने में मजा आता है ये अच्छी बात है !!!!!!!!!!!!!)
- जितने भी स्प्रे दिखाए जाते है अगर कोई पुरुष लगा भर ले तो लडकिया ऐसी बहगति है मानो दुनिया का एक ही सच है और वो है लड़की का लड़के पीछे भागना और भागती है नही उनको अपने और कपडे की सुध बुध तक नहीं रह जाती ( पूरी पृथ्वी पर कोई ऐसी मादा नहीं है जो नर के पीछे भागती हो बल्कि नर को अपने को सिद्ध करना पड़ता है लेकिन अखित प्रजातंत्र में कैसे काम चलेगा जब तक सड़क पर लडकिया पागलो की तरह घूमने में कोई शर्म न महसूस करें और स्प्रे तो यही कहता है )
- आज की दुनिया मोबाइल की है एक कंपनी है वोडाफोन जिसमे एक लड़की और लड़के बीच वीडियो चैटिंग दिखाई जाती है और अंत में लड़की कहती है कि मुझे किश करों और मजेदार बात ये कि लड़का पूछता है कि अभी और वो कहती है हा अभी और वो लड़की को अपने मोबाइल पर किश करता है ( पर आप क्यों मैंने लगे ये गलत है क्योकि कौन जाने कल आपको ये मौका मिल जाये और दौड़िये जल्दी से रिचार्ज करवाइये पता नहीं कब लड़की आपसे ऐसा कुछ कहना शुरू कर दे क्योकि विश्व में भारत से अच्छी जगह क्या हो सकती है जहा संस्कृति के कारण प्रोडक्ट और मोबाइल बेचने में मदद मिल सकती है और इसमें गर लड़की और बबरबाद होती है तो होने दो आखिर इस ऐश लड़की कल जौहर करती थी अब फिर अपने को कुर्बान करेगी व्यापार के नाम पर आखिर देश को आगे बढ़ना है कि नहीं )
- वो तो भला हो मैगी वालो का जिन्होंने देश के कालेज यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में सीनियर को लौंडेबाजी करने की नसीहत दे दी वरना ना जाने क्या होता इस देश की लड़कियों का !!!!! आखिर आने वाले समय में लौंडेबाजी (होमोसेक्सुअलिटी ) का भी तो सामना करना है | लेकिन आप सभी से निवेदन है कि क्या मजाल जो आप इन सब में कोई खराबी या गंदगी देखे क्योकि देश को आगे बढ़ना है | क्योकि लड़की तो बनी ही है उपभोग के लिए अब अगर उससे बड़ी बड़ी कंपनी पैसा कमा सकती है तो ये तो इस देश की लड़कियों का सबसे बड़ा योगदान होगा और आपके लिए देश से बड़ा कुछ भी नहीं इस देश की लड़की भी नहीं !!!!!!!!!!!! जाइये अमूल माचो पहन कर छत कर कसरत कीजिये शायद किसी लड़की आपके लिए अगल हो जाये और देखिये शर्म बिलकुल भी न कीजियेगा क्योकि आप स्वतंत्र देश में रहते है विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र में और सदियों से औरत यही सब करती रही है तो आप क्यों लगे सुधारने समाज और भला किसी एक के कुछ करने से कुछ हुआ है ?????अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता तो क्यों न आप एक लड़की का ही भाग्य फोड़ डाले आखिर पुरुष के आगे उसकी बिसात ही क्या !!आइये टी वी पर कुछ और शोध करते है ताकि लड़की का स्तर तो इस देश में स्पष्ट हो जाये