डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना के दूसरी लहर का प्रकोप कुछ कम हुआ है,लेकिन संकट समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में आपदा प्रबंधन के प्रति पूरी तरह मुस्तैद रहना आवश्यक है। इसमें बेड,दवा,जांच ऑक्सीजन,वेंटिलेटर आदि सभी मेडिकल सामग्री की उपलब्धता कायम रखनी होगी। जिससे किसी भी संक्रमित व्यक्ति को इनके अभाव में परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसी के साथ गरीब वर्ग के भरण पोषण की भी व्यवस्था करनी होगी। जिनको वर्तमान लॉक डाउन के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सभी तथ्यों की तरफ एक साथ ध्यान दे रहे है। इसके दृष्टिगत वह जनपदों में जाकर व्यवस्था का आकलन कर रहे है। कोविड अस्पतालों व एकीकृत कमांड सेंटर का निरीक्षण कर रहे है। पीड़ितों से मिल कर उपचार व्यवस्था का फीडबैक ले रहे है। इसके साथ ही वह संबंधित मंडलों के अधिकारियों के साथ प्रत्यक्ष या वर्चुअल संवाद कर रहे है। इनको आवश्यकता के अनुरूप दिशानिर्देश भी दे रहे है। इस क्रम में योगी आदित्यनाथ ने नोयडा मेरठ गाजियाबाद में निरीक्षण किया। अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की पहली लहर में एल वन, एल टू और एलथ्री अस्पताल थे। पहली लहर में एक पॉजिटिव व्यक्ति एल वन अस्पताल में ही ठीक हो जाते थे। लेकिन दूसरी लहर में स्थिति बदली है, अब ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों से लेकर ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की उपलब्धता को लेकर मॉनीटिरिंग कर रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक्टिव मामलों में लगातार कमी हुई है। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट बाइस प्रतिशत तक पहुंच गया था। अब यह पांच प्रतिशत से कम है। उत्तर प्रदेश डेढ़ करोड़ लोगों को वैक्सीन डोज लग चुकी है। तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है, इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने अभी से अपनी कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है। प्रशासन से हर जनपद में महिलाओं और बच्चों के लिए एक डेडिकेटेड अस्पताल तैयार करने के लिए कहा गया है। ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन की तैयारी की गई है। गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों में वेक्सीन लगाई जाएगी। गांव में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। प्रदेश में आठ हजार रैपिड टीम गांव में जाकर टेस्टिंग का काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में गांवों में अधिक मामले नहीं आए थे। लेकिन इस बार गांव में कोरोना के मामले बढ़े हैं। प्रदेश सरकार संक्रमण रोकने में सक्षम है। अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम है। योगी सरकार गरीबों को तीन महीने तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की है। तीन माह के लिए प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं तथा दो किलो चावल निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। रोजाना कार्य करके अपनी आजीविका चलाने वाले गरीबों को भरण पोषण भत्ता प्रदान करने का फैसला लिया है।