89 साल की वृद्धा हर रोज आती है थाने, पुलिसकर्मी खिलाते है आइसक्रीम
व्यूरोचीफ, गुजरात
राजकोट : पुलिस वो एक नाम जिसे आप को सुकर या तो डर लगता हैं या फिर उससे बचने कामन करता हैँ। आये दिन पुलिस के तरहतरह किस्से सामने आते रहती हैं। पुलिस के अमानवीय तो कभी मानवीय चेहरा हम सब के बीच आता हैं। ऐसे में गुजरात के मेहुल नगर से पुलिस का एक मानवीय चेहरा सामने आया हैं। पुलिस और एक वृद्धा के बीत की एक ऐसी अनोखी कहानी सामने आयी हैं जिसे सुनकर मन को सुकुन मिलता है कि आज भी हमारे बीच ऐसे पुलिस वाले मौजुद हैं।
अटूट रिश्ता
एक आमतौर पर लोग पुलिस के नाम से डरते है। लेकिन मेहुलनगर क्षेत्र निवासी वीनूबेन अढिया नामक एक 89 वर्षीय महिला हररोज थाने आती है। तकरीबन तीन साल से भक्तिनगर थाने में आ रही इस वृद्धा का पुलिसकर्मीयों से अनूठा रिश्ता बन गया है। उनके यहां आते ही पुलिस अधिकारी उसे आइस्क्रीम खिलाते है। बाद में पुलिस जीप में उनको घर तक छोड़ भी देते है।
संवाददाता के मुताबिक, वीनूबेन का परिवार 70 साल से राजकोट में है। बरसो पहले वह कोलकाता में टीचर थी। वह जब भी थाने में आती हैं, तो पुलिस वाले उसे पहले आइस्क्रीम खिलाते है। बाद में अपने ही फोन से उनके बेटी और पोते से बात भी करवाते हैं। वह थाने में दो-ढाई घंटे बैठती हैं, फिर पुलिसवाले अपनी गाड़ी से उन्हें घर तक छोड़ देते है।
ऐसे बना पुलिसकर्मीयों से वृद्धा का अटूट नाता
दरअसल करीब तीन साल पहले वीनू बेन भक्तिनगर थाने पहुंची। और अपने मकान मालिक के खिलाफ शिकायत की। जिसके चलते पीआई विरलदान गढ़वी ने उन्हें सुना। और मकान मालिक से बात कर मकान खाली न कराने के लिए बिनती की। उसके बाद वृद्धा और पीआई गढ़वी के बीच में मां-बेटे जैसा संबंध हो गया। इसी कारण दो साल पहले भी जब वह बीमार हुई, तो थाने का पूरा स्टाफ उनकी सेवा में लग गया था। तभी से वह सभी को अपना परिवार मानकर यहां आती है।