डॉ दिलीप अग्निहोत्री
इस समय केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा का पूरा फोकस कोरोना आपदा राहत पर है। अन्यथा यह उसके लिए एक वर्ष की उपलब्धियों चर्चा का समय होता। यह अच्छा है कि इनके द्वारा एक वर्ष की ऐतिहासिक उपलब्धियों का कोई औपचारिक जश्न नहीं मनाया जाएगा। इस एक वर्ष में अनेक संवेदनशील समस्याओं का समाधान हुआ। यह सभी नरेंद्र मोदी सरकार के कारण ही संभव हुआ। यदि कोई अन्य सरकार होती तो इन मसलों पर चर्चा तक मुनासिब ना होती। कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने तो रामजन्म भूमि सुनवाई को टालने की भी दलील दी थी। रामजन्म भूमि का विवाद तो पांच शताब्दी पुराना है।
कहा जा रहा था कि दोनों पक्ष सहमति से इसका समाधान निकालें या कोर्ट का फैसला माने। सहमति से समाधान असंभव था। मंदिर के विरोध में बाकायदा एक्शन कमेटी बनी थी। अपने को सेक्युलर घोषित करने वाले भी मंदिर निर्माण के विरोधी थे। नरेंद्र मोदी सरकार ने कोर्ट में शीघ्र का मार्ग प्रशस्त किया। इससे सदियों से लंबित समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। छब्बीस मई को मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। तीन तलाक पर प्रतिबंध भी नरेंद्र मोदी सरकार के कारण संभव हुआ। अनेक मुस्लिम देश इस पर रोक लगा चुके है। लेकिन भारत में रोक की बात को ही साम्प्रदायिक करार दिया जाता था। लेकिन मोदी सरकार ने इसकी कोई चिंता नहीं की। उसने पहल की, अंततः तीन तलाक व हलाला की कुप्रथा समाप्त हुई। मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिला। अनुच्छेद तीन सौ सत्तर और पैंतीस ए का विरोध करना भी साम्प्रदायिकता माना जाता था।
सेक्युलर दिखने के लिए इन अलगाववादी प्रावधानों का समर्थन जरूरी था। संसद में इस पर चली बहस से यह प्रमाणित भी हुआ। इसके हटने पर गम्भीर परिणाम की चेतावनी तक दी गई। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने इसको हटा कर ही दम लिया। देश में सत्तर वर्ष बाद एक विधान एक निशान लागू हुआ। इसी प्रकार पाकिस्तान, बांगलादेश,अफगानिस्तान के उत्पीड़ित हिन्दू, बौद्ध, सिख,पारसी को न्याय मिला। नागरिकता संशोधन कानून लागू हुआ। इसका जिस प्रकार विरोध किया गया उससे जाहिर हुआ कि मोदी सरकार ना होती तो इन उत्पीड़ितों की सुनने वाला कोई नहीं था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ठीक कहा कि यह एक वर्ष सख्त और बड़े फैसलों के लिए जाना जाएगा, जिसने देश के चेहरे को बदल दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन निर्णयों में अहम भूमिका का निर्वाह किया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने छह साल के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक गलतियों को सुधारा है। आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी है। इसलिए देश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। मोदी ने अपनी दूरदर्शी नीतियों,समर्पण और टीम इंडिया की भावना के साथ देश के लोकतंत्र को एक नई दिशा दी है। सरकार के प्रत्येक निर्णय लोक कल्याण व राष्ट्रीय हित के अनुरूप है। मोदी ने दशकों से लंबित फैसलों को लागू किया। प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक पत्र के माध्यम से जनता के साथ संवाद कायम किया। उन्होंने लिखा कि लॉकडाउन के कारण हो रही परेशानियों के बावजूद सामूहिक संकल्प शक्ति के बल पर हमने कोरोना को भारत में उस तरह फैलने से रोकने में सफल रहे। जैसी आशंका जताई जा रही थी। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विजय पथ पर अग्रसर हैं। इसमें जीत सुनिश्चित है।
इसके लिए आम लोगों को कोरोना से बचने के लिए जारी दिशा निर्देशों का पालन करने की जरूरत है। हमारे एक हाथ में कर्म और कर्तव्य है,तो दूसरे हाथ में सफलता सुनिश्चित है। कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। भारत में आर्थिक क्षेत्र में दुनिया को चकित और प्रेरित करने का सामर्थ्य है। लेकिन इसके लिए पहले देश को आत्मनिर्भर बनाना होगा। बीस लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के सहारे भारत आयात पर निर्भरता कम कर होगी। भारत आत्मनिर्भर बनेगा। अनुच्छेद तीन सौ सत्तर, राम मंदिर,तीन तलाक और नागरिकता कानून में संशोधन लंबे समय तक याद रखे जाएंगे। ये ऐतिहासिक निर्णय थे। इससे भारत की विकास यात्रा को नई गति मिली है। सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन किया गया। पिछले एक साल में सरकार ने प्रधानमंत्री किसान निधि के तहत साढ़े नौ करोड़ किसानों को बहत्तर हजार करोड़ रुपये की सहायता, किसान,खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए तीन हजार रुपये की पेंशन सुनिश्चित करने का काम किया है।
पचास करोड़ पशुओं के टीकाकरण पन्द्रह करोड़ ग्रामीण घरों में नल से शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने का काम जारी है। पिछले छह साल में उठाए गए कदमों की वजह से शहरों और गांवों की खाई कम हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नरेंद्र मोदी सरकार के एक वर्ष को ऐतिहासिक बताया। कहा कि पिछले कार्यकाल की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने देश को एक मंत्र दिया था सबका साथ सबका विकास। पहले छह वर्ष का कार्यकाल भारत को दुनिया की एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की आधारशिला के रूप में जाना जाएगा। द्वितीय कार्यकाल का पहला वर्ष ऐतिहासिक उपलब्धियों के लिए जाना जाएगा।